महराजगंज: कैसें पढ़ें नौनिहाल..जब अध्यापक ही स्कूल से नदारद रहें

डीएन संवाददाता

सरकार बच्चों को स्कूल भेजने और उन्हें पढ़ाने-लिखाने के लिये कई जतन कर रही है लेकिन अध्यापकों समेत प्रशासन की लापरवाही के कारण स्कूल जाने के बाद भी नौनिहालों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

गेट बंद होने से अध्यापकों की राह ताकते रहते बच्चे
गेट बंद होने से अध्यापकों की राह ताकते रहते बच्चे


महराजगंज: यूपी में शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार लगातार नयी नई तकनीक लाने की कोशिश करती रहती है लेकिन शिक्षकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। ऐसा ही मामला जिले के मेघौली खुर्द से आया है, जहां पर समय से विद्यालय ही न खुलने कारण बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। बच्चे विद्यालय खुलने के इंताजार में अध्यापकों की रहा ताकते रहते हैं।

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डाइनामाइट न्यूज टीम जब स्थित जानने के लिए मेघौली खुर्द पहुंची तो बच्चे 9 बजे तक अपने अध्यापकों का का इंताजर कर रहे थे। स्कूल के बाहर खड़े बच्चे ने बताया कि विद्यालय खुलने का समय 7:30 बजे है, लेकिन हमेशा हम 9 बजे तक तक बाहर खड़े होकर इंतजार करते रहते हैं और अध्यापक 9 बजे के बाद आते हैं।

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मंगलवार को 9.10 मिनट पर प्रधानाचार्य हरीश चंद्र ने विद्यालय पहुंचकर विद्यालय का ताला खोला। डाइनामाइट न्यूज ने जब लेट आने पर बातचीत की तो उन्होंने बताया वह विद्यालय के काम से गैस की पर्ची कटवाने के लिए गये थे। समायोजन शिक्षामित्र शैलेश कुमार सिंह भी हमेशा नदारद रहते हैं।

प्रधानाचार्य से बच्चों की संख्या पूछने पर उन्होंने बताया कि स्कूल में 36 बच्चे पंजीकृत है। मौके पर मौजूद गांव के लोगों ने बताया कि आये दिन प्रधानाचार्य हमेशा लेट से विद्यालय आते हैं।
 










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