महराजगंज: पिता की कोरोना से मौत के बाद बहादुर बेटी ने जीती जंग, डॉक्टर्स ने बजाई तालियां
कोरोना संकट के दौर में महराजगंज जिले की एक किशोरी को डिस्चार्ज करने पर डॉक्टरों ने भी जिस सुखद अनुभव का एहसास किया, वह सभी को लिये संतोष देने वाला है। पढिये, खास रिपोर्ट
महराजगंज: कोरोना को हराने के लिये शरीर की इम्युनिटी पॉवर के साथ साथ मजबूत इच्छाशक्ति भी जरूरी है। यदि ये दोनों चीजे किसी के पास हो तो किसी भी तरह के संकट से लड़ा जा सकता है। ऐसा ही एक उदाहरण जिले में देखने को मिला है। यहां एक किशोरी पूरी तरह ठीक पायी गयी, जिसके बाद उसे डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया।
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इसके अलावा एक और बड़ी बात यह कि जिस किशोरी ने मजबूत इच्छाशक्ति के बूते पर कोरोना संकट में किसी भी तरह के संदेह की यह जंग जीती, उसके सामने बेहद विपरीत परिस्थितियां मौजूद थी। दरअसल, कोरोना के कारण ही उसके पिता की मौत हो गयी थी। जिसके बाद लड़की दिल्ली से परिवार के साथ अपने घर महराजगंज लौटी। कोरोना के हाई रिस्क को देखते हुए लड़की को यहां क्वारंटीन सेंटर में रखा गया।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि यह किशोरी पकड़ी बिशुनपुर, घुघली की रहने वाली है। जो अपने पिता की कोरोना से हुई मृत्यु के पश्चात दिल्ली से परिवार सहित आई थी और महिला अस्पताल में क्वारंटीन की गयी थी। लड़की का प्रथम कोरोना जांच नमूना 22 मई को प्रेषित किया गया था। दूसरा नमूना 3 जून को प्रेषित किया गया था। हाई रिस्क होने के बावजूद भी लड़की की रिपोर्ट्स नेगेटिव आयी। शनिवार को आयी रिपोर्ट भी नगेटिव थी, जिसके बाद किशोरी को रविवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टरों ने भी लड़की के डिस्चार्ज होने पर खुशी जताई और तालियां बजाकर उसका अभिवादन व हौसला आफजाई की।