महराजगंज: होटलों और गेस्ट हाउसों में धड़ल्ले से चल रहे हैं सेक्स रैकेट, पुलिस की भी मिलीभगत

शिवेंद्र चतुर्वेदी

जिला मुख्यालय के कई होटलों और गेस्ट हाउसों में शाम ढ़लते ही धड़ल्ले से सेक्स रैकेटों का संचालन शुरू हो जाता है। शराब और शबाब की इस काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा पुलिस को भी जाता हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़िये जिले में जिश्मफरोशी की हैरान करने वाली कहानी..

फाइल फोटो
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महराजगंज: जिले की शालीन फिजाओं को अश्लीलता और जिश्मफरोशी की काली करतूतें तेजी से दूषित करने लगी हैं। ज़िला मुख्यालय के होटलों और गेस्ट हाउसों में कुछ संगठित लोगों द्वारा धड़ल्ले से सेक्स रैकेट का संचालन किया जा रहा है, जिससे यहां के प्रतिष्ठित और बुद्धिजीवी लोगों में भारी आक्रोश है। इन प्रबुद्ध लोगों में इस बात का भी भय है कि यदि समय रहते जिश्मफरोशी का यह काला कारनामा बंद न किया गया तो इसकी गर्त में कई सीधे-साधे युवा और लोग तबाह हो सकते हैं।

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बालाओं को साथ लेकर आते कुछ लोग

 

पुलिस को जाता है काला कमाई का बड़ा हिस्सा

डाइनामाइट न्यूज़ की एक खास पड़ताल में कुछ विशेष सूत्रों ने कहा कि ज़िला मुख्यालय के होटलों और गेस्ट हाउसों में शाम ढलते ही जिश्मफरोशी का धंधा शुरू हो जाता है। सबसे आश्यर्यजनक बात यह है कि यह सारा काला कारनामा पुलिस की नाक के नीचे होता है। पुलिस को भी यहां चलने वाले सेक्स रैकेट की पूरी जानकारी है लेकिन सेक्स रैकेट चलाने वाले लोग पुलिस को मुंह बंद रखने के ऐवज में अपनी काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा महीने के रूप में भेंट करते है, जिस कारण पुलिस इन मगरमच्छों पर हाथ नहीं डालती।

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खुलेआम होता है मोल-भाव

 

होटलों में परोसी जाती शराब और शबाब 

इस गिरोह पर पैनी नजर रखने वाले जिला मुख्यालय के एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि जिश्मफरोशी का यह धंधा कई होटलों में शाम ढ़लने के साथ ही शुरू हो जाता है। होटल मालिकों समेत सेक्स रैकेट चलाने वाले लोग ग्राहकों के सामने जमकर शराब और शबाब परोसते हैं और खूब काली कमाई करते हैं। 

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कई जगहों से आती है बालाएं 

सुंदर बालाओं को मिलते हैं मनमाफिक पैसे

एक अन्य व्यक्ति ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि शराब और शबाब के इस खेल में पुलिस इसलिये हाथ नहीं डालती क्योंकि संबंधित थानों को महीने के आधार पर मोटा पैसा दे दिया जाता है। डाइनामाइट न्यूज़ को एक विशेष सूत्र ने बताया कि जिले के कुछ नामी गेस्ट हाउसों में सेक्स रैकेट चलाने वाले लोग बेहिचक होकर अपने साथ सुंदर बालाओं को लेकर आते हैं। पहले बालाए अंदर जाती है और कुछ देर बाद इच्छुक लोग वहां पहुंचकर पसंदीदा बाला के साथ शराब और शबाब का आनंद लेने के लिये मनमाफिक पैसा देते हैं।

सब जानती है पुलिस पर रहती है खामोश

पुलिस की साख हो रही है दागदार

कानून के रखवालों की मिलीभगत से चलने वाले इस खेल से कोतवाली पुलिस की साख भी दागदार होती जा रही है। बताया जाता है कि सर्किल के थाना क्षेत्रों में पुलिस के सरंक्षण से सेक्स रैकेट संचालकों के चेहरे पर कभी कोई भय तक नहीं दिखता। एक व्यक्ति का कहना है कि जब सर्किल के कोतवाली और थानों में आरोपियों का महीना बंधा हो तो बैखोफ होना स्वाभाविक है।
 










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