महराजगंज के बदनाम केएमसी हॉस्पिटल में महिला मरीज की मौत, भारी हंगामा

आशीष सोनी

जिले में विवादों का अस्पताल बन चुका केएमसी डिजिटल हॉस्पिटल एक बार फिर चर्चा में है। यहां मरीजों के इलाज में एक बार फिर भयंकर लापरवाही का आरोप लगा है। आरोप है कि इलाज के दौरान डिलेवरी तो हो गयी लेकिन महिला की मौत डाक्टरी लापरवाही की वजह से हो गयी। इसके बाद हास्पीटल में भारी हंगामा हुआ है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..



महराजगंज: निचलौल तहसील के टिकुलहियां गांव के एक परिवार पर दिवाली भारी पड़ गयी है। गांव के निवासी विष्णु की 27 वर्षीया पत्नी सुमन गर्भवती थीं और वे परिजनों के साथ डिलेवरी के लिए महराजगंज में केएमसी हास्पिटल पहुंची। यहां 6 नवंबर को उनको एक पुत्री पैदा हुई। 

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इसके बाद न जाने क्या हुआ कि इस परिवार को किसी की काली नजर लग गयी और इलाज के दौरान आज सुबह 3 बजे के करीब सुमन की मौत हो गयी। परिजनों का आरोप है कि डिलेवरी के बाद दिवाली के बहाने कोई भी डाक्टर सुमन को देखने तक नहीं पहुंचा। लगातार हालत बिगड़ने की बात जब डाक्टरों को बतायी जाती तो वे फोन पर नर्सों को सलाह देकर दवा आदि की खाना-पूर्ति करते रहे। नतीजनतन पीड़िता जान से हाथ धो बैठी। 

भारी हंगामें से डरे अस्पताल के कर्मचारी

हंगामा व गाली-गलौज बढ़ता देख अस्पताल के कर्मचारी सकते में आ गये और डर गये कि कहीं गुस्साये परिजन तोड़-फोड़ न करने लगें।

इन्हीं आरोपों को लेकर सुबह 6 बजे से लेकर 11 बजे तक हास्पीटल में परिजनों ने जमकर हंगामा किया।

अस्पताल का दावा- कोई कमी नही थी इलाज में

डाइनामाइट न्यूज़ के खोजी पत्रकारों की टीम जब मौके पर पहुंची तो मौके पर मौजूद अस्पताल के कर्मचारी रंजना और अशोक ने बताया कि इलाज सही किया जा रहा था, पीड़िता की हालत बिगड़ने पर आईसीयू में भर्ती किया गया था लेकिन उनकी मौत हो गयी इसमें अस्पताल की कोई लापरवाही नही है। 

एक बार फिर चर्चा के केन्द्र में केएमसी डिजिटल हास्पिटल

क्या वाकई डाक्टर गायब थीं अस्पताल से?

परिजनों ने बताया कि मृतका का इलाज डा. ज्योत्सना द्वारा किया जा रहा था। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या वाकई मृतका को इलाज के दौरान हालत बिगड़ने और आईसीयू में भर्ती होने के बावजूद डाक्टर ने दिवाली के कारण उसकी समुचित देख-रेख नही की। क्या वे वाकई 7 नवंबर को पूरे दिन और अस्पताल से गायब रहीं? अगर परिजनों का यह आरोप वाकई सही है तो यह गंभीर चिंता की बात है कि कैसे महंगे दिखावे वाले अस्पतालों में मरीजों को काल के गाल में ढ़केला जा रहा है। 

पुलिस बल के साथ कोतवाल मौके पर

इधर हंगामा बढ़ता देख कोतवाल राम दवन मौर्य मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गये हैं।

मैनेज का खेल जारी

इधर कई लोगों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि हर बार की तरह इस बार भी मामले को मैनेज करने को तेजी से प्रयास चल रहा है और कोशिश की जा रही है कि किसी भी तरह परिजनों को इस बात के लिए मनाया जाय कि वे कोई तहरीर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ न दें।   

पहले भी हो चुकी हैं कई वारदातें

लोगों का कहना है कि आये दिन यह अस्पताल विवादों के केन्द्र में रहता है। कभी डाक्टर ही मरीजों पर रिवाल्वर तान देते हैं तो कभी किसी सिपाही के पिता की इलाज के दौरान मौत की खबर यहां सुर्खियां बनती हैं। बड़ा सवाल.. आखिर अस्पताल प्रबंधन क्यों नही जाग रहा है? क्या कोई बहुत बड़ी अनहोनी होने के बाद जिले का प्रशासन अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करेगा। 










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