महराजगंज के विवादित एसडीएम सदर सत्यम मिश्र पर चला सीएम का हंटर, हुई छुट्टी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महराजगंज सदर के एसडीएम सत्यम मिश्र की छुट्टी कर दी है। लंबे समय से सत्यम जिले में अपनी मनमानी कर रहे थे। आये दिन एक नया विवाद। महीनों से वकील आंदोलनरत थे लेकिन किसी न किसी बहाने सत्यम को कुछ बड़े लोग अपना संरक्षण दे रहे थे। सीएम की कार्यवाही के बाद अब एसडीएम के संरक्षणदाता भी सकते में आ गये हैं। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..
महराजगंज: मुख्यमंत्री आज कुशीनगर में थे। यहां वे देवरिया, महराजगंज व कुशीनगर जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मंडल के कई अफसरों पर कड़कदार बिजली गिरायी है। इसमें सबसे चर्चित नाम महराजगंज के सदर एसडीएम सत्यम मिश्र का है। सत्यम पिछले साल अगस्त से ही इस कुर्सी पर काबिज थे। आय़े दिन ये किसी न किसी से लड़ाई-झगड़े को लेकर चर्चा में रहते थे।
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पिछले तीन महीने से यहां न्यायिक कामकाज बाधित था। वकील हड़ताल पर थे। इन्होंने एक वकील पर मुकदमा दर्ज कराकर तो हद ही पार कर दी थी, इससे भड़के वकील जब डीएम अमरनाथ उपाध्याय से मिलने गये तो अपने दफ्तर में न जाने क्यों डीएम ने दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने की बजाय एकतरफा पक्ष एसडीएम सदर का ले लिया और दो टूक वकीलों से भरे चैंबर में कह दिया कि किसी भी कीमत पर मैं एसडीएम को नहीं हटाऊंगा।
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अब जब एसडीएम को सीधे सीएम ने हटा दिया तो इससे जिलाधिकारी के निर्णय पर सवाल उठ खड़े हुए हैं कि आखिर क्यों वे अपने मातहत एसडीएम की खराब कार्यप्रणाली को नहीं समझ सके और सीएम ने इसे भांपकर जनता के हित में निर्णय लिया है।
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बैठक के अंदर मौजूद एक बेहद वरिष्ठ अफसर ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि सबसे अंत में करीब पौने तीन बजे ये मामला सीएम की समीक्षा बैठक में उठा। सीएम ने जब पूछा कि महराजगंज सदर में न्यायिक कार्य क्यों ठप है? तो जवाब आया कि वकीलों से विवाद के बाद न्यायिक कार्य अपर एसडीएम को सौंप दिया गया है। इस पर सीएम ने फिर पूछा कि इनकी इमेज कैसी है तो डीएम ने जवाब दिया कि ये बेहद ईमानदार अफसर हैं, इस पर सीएम ने फिर सख्त होते हुए कहा कि ऐसी ईमानदारी किस काम की जब ये जनता और वकीलों से बेहतर संवाद कायम नही रख सकते? इनकी तत्काल तहसील बदलिये और किसी लायक न हो तो शासन को लिखिये हम इनका तबादला जिले से बाहर कर देंगे।
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जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय के पूर्ण बचाव की मुद्रा से एक बार तो विवादित सत्यम निलंबन अथवा और ज्यादा कठोर कार्यवाही से बच गये और फिलहाल इनकी सिर्फ तहसील ही बदलेगी लेकिन अब देखना दिलचस्प होगा कि अपने बेहद चहेते एसडीएम को अब जिलाधिकारी कौन सी नयी तहसील देते हैं? साथ ही इस पर भी नजर रहेगी कि अपने आप को बेहद समझदार और काबिल समझने वाले सत्यम अपनी कार्यप्रणाली में कोई सुधार लायेंगे भी या नहीं? या फिर आदत से मजबूर अपनी मनमानी चलाते रहेंगे। जब इस बारे में हमारे संवाददाता ने जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय का पक्ष जानना चाहा तो इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया गया।