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इंडिया-नेपाल के बॉर्डर पर बसे सबसे प्रसिद्ध मन्दिर पंचमुखी शिवमंदिर इटहिया में भगवान शिव 5 मुखों के साथ दिव्य रूप में अवतरित हैं और लाखों भक्तों की मुराद पूरी करते हैं।
इंडिया-नेपाल के बॉर्डर पर बसे सबसे प्रसिद्ध मन्दिर पंचमुखी शिवमंदिर इटहिया में भगवान शिव 5 मुखों के साथ दिव्य रूप में अवतरित हैं और लाखों भक्तों की मुराद पूरी करते हैं।
महराजगंज: यूं तो राज्य के इस पूर्वांचल वाले हिस्से को भगवन बुद्ध की धरती कहा जाता है, लेकिन पूर्वांचल के काफी ऐसे जिले है जो समूचे भारत में कई और धार्मिक कारणों से प्रसिद्ध है। इनमें से एक है महराजगंज के इंडिया-नेपाल के बॉर्डर पर बसे सबसे प्रसिद्ध मन्दिर पंचमुखी शिवमंदिर इटहिया, जहां भगवान् शिव 5 मुखों के साथ दिब्य रूप में अवतरित हैं।

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यहां सावन में लाखों शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती है और पंचमुखी शिव सभी भक्तों की मुराद पूरी करते हैं।

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यह यहां का एक मात्र प्राचीन शिव मंदिर माना जाता है, यहाँ खुदाई के समय शिव मूर्ति मिलने के बाद यहाँ मंदिर बना दिया गया था, यहाँ शंकर भगवान के 5 मुँह अत्यंत दुर्लभ चित्र देखने को मिलते है।

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इस मंदिर नेपाल से भी भक्तों का जबरस्त आगमन होता है इस मंदिर में सावन का पर्व बड़ी खास मायने रखता है, लोगों की माने तो इस मंदिर में भगवन शंकर के 5 मुख है इसलिए यहाँ भगवान शिव को पंचमुखी भगवान के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर बाबा भगवान शिवशंकर के भक्तो में काफी जोश देखने को मिल रहा है। चारों तरफ हर हर महादेव के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूँज रहा है। लोग काफी दूर-दूर से अपनी मुरादों को लेकर यहाँ रोते हुए आते है और मुरादें पूरी होने के बाद हँसते हुए जाते है।
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