महराजगंज: मां ने संघर्ष के पसीने से लिखी बेटे की सफलता की कहानी, पढ़िये विधवा महिला की पूरी संघर्षगाथा

यूपी के महराजगंज जनपद से एक मां की प्रेरणादायक कहानी सामने आई है। एक महिला ने अपनी पति की मौत के बाद अपने सघंर्ष के दम पर इकलौते बेटे को काबिल बनाया है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 11 May 2022, 6:52 PM IST
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सिसवा (महराजगंज): दुनिया के सभी माताएं अपने बच्चों की खुशी के लिये संघर्ष के किसी भी हद तक गुजर सकती है। बच्चों के लिये मां के त्याग और तपस्या की एक ऐसी की कहानी यूपी के महराजगंज जनपद से सामने आयी है। सिसवा नगर पालिका के वार्ड नंबर 23 में स्थित शास्त्री नगर में रहने वाली अमरावती देवी की संघर्षगाथा कई असहाय व अकेली महिलाओं के लिये किसी प्रेरणा से कम नहीं है। 

सिसवा चीनी मिल में काम करने वाले अमरवाती के पति सेठई कुशवाहा का  साल 2008 में निधन हो गया था। पति की मौत के बाद अमरावती पर दुखों का बड़ा पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन मेहनतकश अमरावती ने बच्चों के लिये अपना संघर्ष जारी रखा। जैसे-तैसे बच्चों को पढ़ा-लिखाकर अमरावती ने बड़ा किया। 

उसने दिन-रात मेहनत की और अनाज का दाना-दाना बेचकर बच्चों के स्कूल की फीस जमा की। अमरावती ने बच्चों को भी कभी पिता की कमी नहीं खलने दी। बच्चों के लिये अमरावती का दिन-रात का संघर्ष आखिरकार रंग लाया। स्वाभिमानी मां से प्रेरित होकर अमरावती का इकलौता बेटा श्रीराम कुशवाहा देश की सेवा के लिये 2013 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ। श्रीराम कुशवाहा लद्दाख में नायक के पद पर तैनात है।  

अमरावती अपनी इकलौती बेटी रामन्ता के हाथ भी पीले कर चुकी है। अमरावती ने भले ही संघर्षों का जीवन जिया हो लेकिन इसी संघर्ष की नतीजा है कि उसके बच्चे आज अमरावती की तरह ही कई लोगों और युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।

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