महराजगंज: महीनों से NH-730 का निर्माण हो रहा है। जगह-जगह हंगामा बरपा है। विरोध-प्रदर्शन हो रहा है लेकिन मौके पर न तो नेशनल हाइवे के अधिशासी अभियंता मणिकांत अग्रवाल हैं और न ही आम जनता की समस्या सुनने अधीक्षण अभियंता अशोक कन्नौजिया आये। समय देने के बाद भी आरओ दिग्विजय मिश्रा तक नहीं पहुंचे।
लखनऊ के प्राइवेट ठेकेदार कंपनी महाकालेश्वर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड (Mahakaleshwar Infratech Private Limited) के डायरेक्टर अनुज सिंह से लेकर सुनील दिवेदी तक मौके से फरार हैं। इनकी प्राइवेट लिमिटेड ठेकेदार कंपनी के कथित प्रोजेक्ट मैनेजर एनएच पाल व इनके मेठ-मुंशी संतोष ने ड्राइवर व खलासी को लेकर गजब का गदर जिले भर में काट रखा है। जिस तरह का धमकी और गुंडागर्दी भरे अंदाज में एनएच पाल और संतोष लोगों से बातचीत में कर रहे हैं उससे लोग बुरी तरह आक्रोशित हैं। इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि दोनों को बत्तमीजी भरी हरकतों और गुंडागर्दी के चलते ये भीड़ की पिटाई का शिकार न हो जायें। जनता इन दोनों के खराब व्यवहार से तंग आ चुकी है।
लोग सड़क निर्माण का गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कार्य स्थल पर ठेकेदार ने न तो कार्य संबंधी कोई डिस्पले बोर्ड लगाया है और न ही कोई शिकायत या सुझाव पेटिका रखवायी है।
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इस अंधेरगर्दी और धांधलेबाजी के खिलाफ अब जनता आंदोलित हो उठी है।
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ठेकेदार व एनएच के इंजीनियरों के भ्रष्टाचार व सांठगांठ के खिलाफ शिकायत अब दिल्ली तक पहुंच गयी है और लोगों ने पीएम मोदी और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से ठेकेदार व इंजीनियरों के काले गठजोड़ के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग की है।
ठेकेदार के गुर्गे जबरन बिजली-पानी की मूलभूत सेवाओं को बिना बताये गुंडागर्दी से तहस-नहस कर मकान बुलडोजर से रौंदवा रहे हैं। हालत यह है कि लोगों को बिजली-पानी तक नहीं मिल पा रही है। मानवाधिकारों का खुलकर हनन किया जा रहा है। जनता की तकलीफों पर कोई जिम्मेदार बोलने-सुनने वाला नहीं है।
निर्माण रमपुरवां से मुख्य चौराहे और फिर कोतवाली होते हुए पकड़ी तक होना है लेकिन ठेकेदार के गुर्गे अपने आकाओं के इशारे पर मनमाने जगह पर अचानक आकर तोड़फोड़ करने लग रहे हैं।
एक लाइन से निष्पक्षतापूर्वक निर्माण करने की बजाय जिन लोगों ने इनको वोट नहीं दिया उनको चिन्हित करके बदले की भावना से बुलडोजर के तले एक साजिश के तहत रौंदवाया जा रहा है।
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लोगों की आपत्ति इस बात पर है कि कैसे ठेकेदार के गुर्गां ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए प्राइवेट जमीनों पर बुलडोजर चला दिया।
कई पीड़ितों ने अपनी तहरीर कोतवाली में दी है और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब बात निकली है तो दूर तलक जायेगी.. नियम-कानून को अपने पाकेट में रख आम जनता को बुलडोजर तले रौंदवाने वाले नेताओं, ठेकेदारों और इंजीनियरों को अब जवाब उच्च स्तर पर देना होगा।