

महाकुंभ मेले में मची भगदड़ के बाद प्रशासन ने मौतों और घायलों का जो आंकड़ा जारी किया उस बात में कितनी सच्चाई है, इसका अंदाज़ा आप डाइनामाइट न्यूज़ की इस खास रिपोर्ट से लगा सकते हैं
प्रयागराज: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 28 जनवरी की देर रात करीब 1:30 बजे संगम नोज पर भगदड़ मच गई। महाकुंभ में ये हादसा होने के 16 घंटों बाद प्रशासन ने मृतकों और घायलों का आंकड़ा जारी किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद और DIG वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मेले में मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि 60 लोग घायल हैं।
वहीं राष्ट्रीय समाचार पत्र दैनिक भास्कर की वेबसाइट के अनुसार, अब तक 41 शव देश के अलग-अलग इलाकों में पहुंच चुके हैं। अकेले UP के आठ जिलों में 16 शव पहुंचे हैं। इसमें गोरखपुर-बलिया में 4-4 , जौनपुर में 3, लखनऊ, मऊ, गोंडा, सिद्धार्थनगर और प्रयागराज में 1-1 शव लाए गए हैं। UP को छोड़, बाकी राज्यों में अब तक 25 शव जा चुके हैं। इनमें बिहार में 8, कर्नाटक 4, हरियाणा-राजस्थान में 3-3, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 2-2, असम, गुजरात और उत्तराखंड में 1-1 शव परिजनों के पास आए हैं। दैनिक भास्कर ने मृतकों का ये आंकडा परिवारों के जुटाया है।
कहां है लापता हुए लोगों की सूची?
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद देश के अलग-अलग जगहों पर इतने शवों को भेजा जा रहा है तो सरकार ने आंकड़ों में क्या हेर फेर की है? अब सोचने वाली बात तो ये है कि अगर भगदड़ में इतने लोगों की मौते हुई हैं तो सोचिए कितने लोग लापता भी हुए होंगे। सरकार ने अभी तक न तो लापता होने वाले लोगों का आंकड़ा जारी किया है और न ही उन लोगों की सूची बताई है।
आखिर क्या है हकीकत?
कई मीडिया रिपोर्टों पर अगर यकीन किया जाये तो ये बात भी सामने आ रही है कि भगदड़ में मृतकों की संख्या सामने आये आंकड़े से कहीं ज्यादा हो सकती है। इसी तरह घायल लोगों की संख्या भी और अधिक हो सकती है। आखिर क्या है हकीकत? इसकी भी किसी को कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में अब देखना होगा कि कब प्रशासन अपनी नींद से जागेगा और भगदड़ में हुई मौतों, घायलों और लापता लोगों की सही सूची जारी करेगा।