Maha Kumbh: महाकुंभ की भगदड़ में मिटा गायत्री देवी की मांग का सिंदूर, सड़कों पर रोती-बिलखती मांग रही ये मदद

महाकुभ के बीच संगमनगरी से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 31 January 2025, 1:50 PM IST
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प्रयागराज: महाकुभ के बीच संगमनगरी से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जो बिहार के एक परिवार से जुड़ी हुई है। यहां एक पत्नी अपने मृत पति के शव को अपने पैतृक गांव ले जाने के लिए प्रयागराज के सड़कों पर रोती बिलखती मदद की गुहार लगाती रही लेकिन पुलिस-प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिला। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार, महाकुंभ में भगदड़ के बाद मृतकों के परिजनों का बुरा हाल है। इस दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस-प्रशासन के असहयोग के कारण मृतकों के परिजनों को अपने प्रियजनों का शव अपने पैतृग गांव ले जाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। बिहार की गायत्री देवी का कुछ ऐसा ही हाल है।

एंबुलेंस वालों ने भी शव ले जाने से मना किया..

बिहार के गया जिले की रहने वाली गायत्री देवी अपने पति के साथ मौनी अमावस्या के पर्व स्नान करने तीर्थराज प्रयाग में आईं थी, लेकिन बीते रोज संगम नोज पर हुई भगदड़ में उनके पति की मौत हो गई। इतना ही नहीं उनका सामान गायब हो गया और पैसा भी खत्म हो गया। घर से पैसा मंगाने के लिए कान में फोन दबाए हुए हैं। आंख से आंसू गिरे रहे हैं। बिना पैसे के एंबुलेंस वालों ने भी शव ले जाने से मना कर दिया। इस परिस्थिति में देख कर किसी का भी हृदय दर्द से कलझ उठेगा। लेकिन गायत्री देवी को मदद के लिए कोई पुलिस-प्रशासन का सहयोग नहीं मिला। 

हर किसी की आंखे हुई नम

उस समय हर किसी की आंखे नम हो गई जब, गायत्री देवी ने सरकार और प्रशासन को कोसते हुए कहा कि शव तो सौंप दिया है। लेकिन शव को अपने पैतृग गांव कैसे ले जाऊं। बिना पैसे के एंबुलेंस शव ले जाने को तैयार नहीं है और  हमारा सामान भगदड़ में छूट गया और पैसा खत्म हो गया है। गायत्री देवी कहती हैं कहां से दूं पैसा क्या देंह बेंचकर पैसे दूं। उनका यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वायरल वीडियो समाजवादी पार्टी के X हैंडल पर भी देखा जा सकता है।

 

गौतरतलब है कि महाकुंभ में बीते दिन संगम नोज भगदड़ में  सरकारी आंकड़ें में  तीस लोगों की मौत गई। इसके अलावा कई लोग घायल हुए हैं। सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजे का तो ऐलान कर दिया है, लेकिन शव को पीड़ितों के घर तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। 

Published : 
  • 31 January 2025, 1:50 PM IST