लखनऊ के अकबरनगर बस्ती में भारी पुलिस फोर्स, बुलडोजर कार्रवाई को लेकर लोग आक्रोशित
उत्तर प्रदेश में लखनऊ की मुस्लिम बाहुल्य अकबरनगर बस्ती को तोड़ने के लिए बुल्डोजर तैयार है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित मुस्लिम बाहुल्य अकबरनगर बस्ती को तोड़ने के लिए यूपी सरकार का बुलडोजर तैयार है। जिला प्रशासन अकबरनगर में बने अवैध मकानों पर कार्रवाई करने को तैयार है। कोर्ट की शरण नहीं लेने वाले 250 मकान-दुकान को तोड़ने सरकार का ध्वस्तीकरण अभियान चालू है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार प्रशासन की टीम झुग्गी- झोपड़ियों को खाली करा रहा है।
मकानों के ध्वस्तीकरण के लिए एलडीए, नगर निगम और पुलिस अधिकारी मौक पर मौजूद हैं। कार्रवाई के मद्देनजर रूट डायवर्जन किया गया है। सरकार ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया है।
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इधर, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का स्टे आर्डर बस्ती के निवासियों के लिए ढाल बना हुआ है। स्टे अवधि बढ़ाने के लिए उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। इधर, नगर निगम दस्ते ने कोर्ट की शरण नहीं लेने वाले 250 मकान-दुकान को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे मकानों को चिन्हित कर उन पर रेड क्रास लगाया जा रहा है।
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि एलडीए उन लोगों के संबंध में कार्रवाई करने को स्वतंत्र है, जिन्होंने अदालत की शरण नहीं ली है। लिहाजा इन पर आज कार्रवाई हो सकती है। कार्रवाई को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने गत रविवार देर रात डायवर्जन भी जारी कर दिया है।
प्रशासन की पांच टीमों ने सर्वे कर करीब 250 मकानों-दुकानों को चिह्नित किया है, जिनके मालिकों ने ध्वस्तीकरण के खिलाफ अदालत में याचिका या अर्जी दाखिल नहीं की है। इसमें सामने आया कि करीब 1000 परिवार 125 याचिकाओं के जरिए अदालत की शरण में गए हैं।
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अकबरनगर बस्ती को टूटने से बचाने की कानूनी पैरवी कर रहे अधिवक्ता इमरान राजा ने द मूकनायक से बताया कि एलडीए और नगर निगम ने करीब 1200 मकान मालिक व 102 दुकान मालिकों को नोटिस जारी किए है, जबकि अकबरनगर में करीब 2000 से अधिक मकान है। इनमें करीब 3 हजार परिवार निवास करते है।
कुल 25 हजार लोग सरकार की कार्रवाई से सीधे प्रभावित होंगे। उनके घर-मकान और रोजगार सब बर्बाद हो जाएगा। राजा सरकार से मानवी दृष्टिकोण अपनाकर कार्रवाई करने की अपील करते है।
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बताते चलें कि लखनऊ के अकबरनगर इलाके में बने अवैध मकानों के ध्वस्तीकरण के लिए सरकार ने नोटिस जारी किया था। और लोगों को बसंतकुंज योजना में मकान देने की बात कही।
अकबरनगर के निवासियों का कहना है कि यहां हजारों लोग कई वर्षों से निवास कर रहे हैं। यहां स्कूल हैं, मस्जिद हैं, मंदिर हैं लेकिन सरकार कह रही है कि अवैध जमीन पर मकान बने हैं।
उन्होंने कहा कि चलो मान लेते है कि ज़मीन सरकार है, पर जनता क्या बाहर देश से आई है?