Uttar Pradesh: डेढ़ महीने से गांव में आतंक मचाने वाला तेंदुआ पहुंचा पिंजड़े में, गांव वालों ने दिखाई हिम्मत

डीएन ब्यूरो

डेढ़ महीने से गांव में आतंक मचा रहे तेंदुए को आखिर गांव वालों ने अपनी होशियारी और हिम्मत के साथ पकड़ ही लिया है। इस गांव वालों के साथ वन विभाग की टीम मौजूद थी, और ना ही पुलिस। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..



महराजगंजः सोहगीबरवा वन्यजीव क्षेत्र के मधवलिया रेंज के आसपास गांवो में डेढ़ महिने से आतंक फैला रहे तेंदुए को बुधवार को ग्रामीणों की हिम्मत और चतुराई से पकड़ लिया गया है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में ना ही वन विभाग की टीम थी ना ही पुलिसकर्मी। गांव वालों ने तेंदुए को पकड़ कर पिंजड़े में कैद कर लिया था, जिसे बाद में वन विभाग ने सोहगीबरवा सेंचुरी के मधवलिया रेंज के गुलहरिया बसौली बीट के घने जंगल में छोड़ दिया।

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ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र का किशुनपुर और पिपरा डाड़ा मधवलिया रेंज के जंगल का सीमावर्ती गांव है। जहां डेढ़ महीने से एक तेदुएं का इन दोनों गावों में आतंक बना हुआ है। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम 24 मार्च को तेंदुआ को पकड़ने के लिए गांव के सिवान में पिंजरा लेकर पहुंची, लेकिन तेंदुआ कही दिखाई नहीं दिया। वहीं वन विभाग की टीम ने पिंजरे को गांव के पूरब पोखरे के पास रख दिया। कुछ युवकों को पिंजरा का फाटक गिराने का तरीका समझाया। 

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पिंजड़े में कैद तेंदुआ

बता दें की बुधवार को ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र के किशुनपुर गांव के दो युवक नदी के बांध किनारे नरकट काटने पहुंचे थे, तभी उन्होंने देखा की नदी के बांध पर बने पुल के अंदर तेंदुआ बैठा हुआ है। तेंदुआ को देख दोनों युवक गांव पहुंचे और घटना की जानकारी गांव वालो को दी। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पोखरे के पास पहुंचे, और वहां से पिंजरा उठा कर साइफन के पास ले गए। साइफन को दूसरे हिस्से को मूंदने के लिए ग्रामीण एक हजार लीटर वाली पानी की प्लाटिक टंकी भी उठा कर ले गए। गांव के लोगों की रणनीति के तहत तेंदुआ को भागने का मौका नहीं दिया। एक ही साथ साइफन के दोनों सिरे को पानी की टंकी और पिंजरे से मूंद दिया। तेंदुआ को सुरक्षित पकड़ने के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। ठूठीबारी कोतवाली पुलिस भी ग्रामीणों के रेस्क्यू आपरेशन के बाद पहुंची।










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