लालू यादव की पार्टी के प्रवक्ता बने ज्योतिषाचार्य डा. शंकर चरण त्रिपाठी पर दर्ज मुकदमों का सच

डीएन संवाददाता

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव की पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनने के बाद से ही प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डा. शंकर चरण त्रिपाठी सुर्खियों में हैं। लालू के इस दांव के बाद विरोधियों ने डा. त्रिपाठी पर झूठे मामलों के बहाने निजी हमले बोलने शुरु कर दिये हैं। इन्हीं में से एक है उनके बड़े पुत्र के विवाह का मामला। पूरी तहकीकात इस रिपोर्ट में..

राजद प्रमुख लालू यादव के साथ मशहुर ज्योतिषाचार्य डा. शंकर चरण त्रिपाठी
राजद प्रमुख लालू यादव के साथ मशहुर ज्योतिषाचार्य डा. शंकर चरण त्रिपाठी


पटना: डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने लखनऊ पुलिस और स्थानीय निवासियों से इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि डा. त्रिपाठी के बड़े पुत्र सौरभ का जनवरी 2014 में लखनऊ की एक लड़की से विवाह हुआ था। विवाह के बाद से ही लड़की के परिवार वालों की निगाह त्रिपाठी के वृंदावन कालोनी स्थित मकान पर लग गयी। अपने मां-बाप के उकसावे पर त्रिपाठी की बहु इस मकान को अपने भाई के नाम करने की जिद करने लगी। उसने धमकी दी कि यदि मकान नही दोगे तो मैं अलग हो जाऊंगी और पुलिस में झूठी शिकायत भी करुंगी।

इस धमकी पर जब ज्योतिषी का परिवार दबाव में नही आया तो मां-बाप के उकसावे में बहु ने ताबड़तोड़ तीन झूठे मुकदमे डा. त्रिपाठी, उनके बेटों सौरभ व गौरव, बेटी और एक नौकर के खिलाफ लिखा दिया। पुलिस की पड़ताल में सभी मामले झूठे पाये गये। यही नही कोर्ट में झूठा शपथ पत्र देकर 156(3) में फर्जी मुकदमे का आदेश कराने वाली बहु पर ही उल्टे लखनऊ की ACJM कोर्ट ने केस नंबर 363/2016 के अंतर्गत भारतीय दण्ड संहिता की धारा 340 व 341 में बतौर आरोपी मामला दर्ज कर लिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ की पड़ताल के मुताबिक बहु के द्वारा कुल तीन मुकदमे दर्ज कराये गये, जो इस प्रकार हैं:

1. थाना- गोमती नगर, लखनऊ, मई 2014, मु.अ.स. 303/2014 धारा 323, 504, 498A, 3/4 डीपी एक्ट 
इस मामले में बहु ने खुद ही समझौता किया और मामला वापस ले लिया।

2. थाना- पीजीआई, लखनऊ, 4 अक्टूबर 2014, मु.अ.स. 387/2014 धारा 498A, 323, 504, 506 भादवि और 3/4 डीपी एक्ट 

3. कोर्ट में 156(3) से झूठे शपथ पत्र के आधार पर आदेश कराकर महिला थाना, लखनऊ में 19 जनवरी 2015, मु.अ.स. 05/2015 धारा 498A, 323, 504, 506, 377 भादवि और 3/4 डीपी एक्ट 
इस मुकदमे को विवेचक ने जांच में पूरी तरह से फर्जी पाया और फिर जाकर स्पंज किया। लखनऊ की ACJM कोर्ट में बहु ने झूठा शपथ पत्र और झूठी मेडिकल रिपोर्ट के सहारे 156(3) में आदेश कराकर अप्राकृतिक संबंध जैसा झूठा और घिनौना आरोप, एक साथ परिवार के आधा दर्जन पुरुषों व महिलाओं पर लगाकर डा. त्रिपाठी के परिवार को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया लेकिन यह कुटिल दांव खुद बहु और उसके मां-बाप पर उल्टा पड़ गया। झूठा शपथ पत्र देकर न्यायालय को गुमराह करने वाली बहु को लखनऊ की ACJM कोर्ट ने धारा 340 व 341 में बतौर आरोपी मान मामला दर्ज कर लिया है। यह प्रकरण न्यायालय में अभी भी विचाराधीन है।

अपने मकसद में कामयाब न होने के बाद अब पिछले तीन साल से यह लड़की पति से अलग होकर अपने मां-बाप के साथ रह रही है।

इधर जैसे ही डा. त्रिपाठी राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने उसके बाद से ही उन पर दर्ज झूठे एफआईआर के सहारे उनके और लालू के विरोधियों ने त्रिपाठी पर व्यक्तिगत हमले बोलने शुरु कर दिये हैं। 

 










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