जाति जनगणना को लेकर फिर से लालू ने मोदी सरकार कसा तंज, कही ये बात
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार पर एकबार फिर तंज कसा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
पटना: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार पर बुधवार को एकबार फिर तंज कसा।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू ने राज्य से होकर बहने वाली गंडक नदी में घड़ियालों की गिनती के संबंध में एक हिन्दी दैनिक में प्रकाशित खबर को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ‘‘केन्द्र सरकार घड़ियाल की गिनती कर लेती है लेकिन देश के बहुसंख्यक गरीबों, वंचितों, उपेक्षितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की नहीं। आरएएस/भाजपा देश के ओबीसी को जानवरों से भी बदतर मानती है इसलिए इन्हें जातीय गणना और जातीय सर्वे से दिक्कत है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘भाजपा को पिछड़ों से इतनी नफरत और दुश्मनी क्यों?’’
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दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्ट में एक गैरसरकारी संगठन वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के निष्कर्षों का हवाला दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, केन्द्र ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह जनगणना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अलावा अन्य सामाजिक समूहों की गणना नहीं करेगा।
बिहार में इसका विरोध किया गया था जहां जाति आधारित गणना को लेकर एक प्रस्ताव विधानमंडल के दोनों सदनों में दो बार पारित किया था जिसका समर्थन भाजपा के सदस्यों ने भी किया था।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली प्रदेश की सरकार ने पिछले साल जातियों के एक सर्वेक्षण का आदेश दिया था जिसमें कहा गया था कि पिछड़ी जाति की जनगणना लगभग एक सदी पहले हुई थी और एक नए अनुमान की तत्काल आवश्यकता थी।
हालांकि पटना उच्च न्यायालय द्वारा इस जनगणना पर रोक लगा दिए जाने के बाद हाल ही में राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।