खूनी सड़क: जानिये हादसों का एक्सप्रेसवे क्यों बना देश का यह राजमार्ग? पांच माह में 358 दुर्घटनाएं, कई लोगों की मौत

डीएन ब्यूरो

मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे के दिसंबर 2022 में शुरू होने से लेकर इस साल अप्रैल के अंत तक यहां सड़क हादसों में कुल 39 लोगों की जान जा चुकी है और 143 लोग घायल हुए है।

समृद्धि एक्सप्रेसवे पर हर रोज हो रहे हादसे
समृद्धि एक्सप्रेसवे पर हर रोज हो रहे हादसे


मुंबई: मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे के दिसंबर 2022 में शुरू होने से लेकर इस साल अप्रैल के अंत तक यहां सड़क हादसों में कुल 39 लोगों की जान जा चुकी है और 143 लोग घायल हुए है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

राज्य राजमार्ग के एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि इन हादसों के कारणों में से एक ‘रोड हिप्नोटिज्म’ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ‘रोड हिप्नोटिज्म’ को ‘व्हाइट लाइन फीवर’ भी कहा जाता है। इसमें गाड़ी चलाते समय व्यक्ति एक ऐसी मानसिक स्थिति में पहुंच जाता है, जिसमें उसे आसपास की चीजों का कोई आभास नहीं होता और वह लंबी दूरी तक बिना कुछ एहसास किए वाहन चलाता चला जाता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 दिसंबर 2022 को नागपुर और शिरडी के बीच इस एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया था, जो 520 किलोमीटर लंबा है।

‘हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग’ की कुल लंबाई 701 किलोमीटर है। इस परियोजना का उद्देश्य नागपुर से मुंबई के बीच की यात्रा के समय को घटाकर सात घंटे करना है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘12 दिसंबर 2022 से 30 अप्रैल 2023 के बीच समृद्धि गलियारे पर 358 हादसे हुए। इनमें से 24 हादसों में 39 लोगों की मौत हुई, जबकि 54 हादसों में 143 लोग घायल हुए। राज्य राजमार्ग पुलिस समस्या से निपटने में लगी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे महाराष्ट्र में 2022 में सड़क हादसों में 15,224 लोगों की जान गई। इनमें से 57 प्रतिशत लोग दोपहिया या तिपहिया वाहनों पर सवार थे। पैदल चलने वाले 21 प्रतिशत लोग हादसों का शिकार हुए। करीब 43 प्रतिशत हादसे राज्यभर के अन्य जिलों की सड़कों (ओडीआर) पर हुए।’’










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