Heat Stroke in UP: बलिया के जिला अस्पताल में रोगियों की मौत के मामले में जानिये ये बड़े अपडेट, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भी हटाए गए

डीएन ब्यूरो

बलिया जिले में भीषण गर्मी और लू के कहर के बीच पिछले चार दिनों में 57 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को दावा किया कि जिले में ‘हीट स्ट्रोक’ (लू लगने) से अब तक केवल दो लोगों की मौत हुई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बलिया के अस्पताल में चार दिनों में 57 लोगों की मौत
बलिया के अस्पताल में चार दिनों में 57 लोगों की मौत


बलिया: बलिया जिले में भीषण गर्मी और लू के कहर के बीच पिछले चार दिनों में 57 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को दावा किया कि जिले में ‘हीट स्ट्रोक’ (लू लगने) से अब तक केवल दो लोगों की मौत हुई है।

वहीं, बलिया से विधायक और प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि गर्मी के समय मृत्यु दर बढ़ जाती है। इस बीच, मामले को लेकर सरकार द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम ने रविवार से जांच शुरू कर दी है।

डाइनामाइट न्यूज़ के लखनऊ संवाददाता के मुताबिक इस मामले को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।

बलिया के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जयंत कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में दावा किया कि बलिया जिले में 'हीट स्ट्रोक' से अब तक सिर्फ दो लोगों की ही मौत हुई है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के अभिलेखों में दर्ज विवरण के अनुसार 40 फीसदी लोगों की बुखार व 60 फीसदी लोगों की अन्य रोगों से मौत हुई है।

जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया, “जिला अस्पताल में रोगियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए समस्त प्रबंध किए गए हैं। 15 बिस्तर बढ़ाए गए हैं। इसके साथ ही अस्पताल के कमरों में कूलर पंखे और एयर कंडीशनर लगाए गए हैं।”

जिला अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस के यादव ने बताया कि अस्पताल में गत 15 जून को 154 रोगी भर्ती हुए थे, जिनमें 23 रोगियों की विभिन्न कारणों से मृत्यु हुई है। उनके मुताबिक, इसके अलावा 16 जून को 20 रोगियों की तथा 17 जून को 11 रोगियों की मृत्यु हुई है।

उन्होंने स्वीकार किया है कि बलिया में सामान्य से ज्यादा संख्या में लोग मर रहे हैं। उनमें से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या अधिक है।

इस बीच, बलिया सदर से भाजपा विधायक और प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का इस मामले को लेकर अजीबोगरीब बयान सामने आया है। उन्होंने रविवार को एक सरकारी कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गर्मी के समय मृत्यु दर बढ़ जाती है और पहले भी ऐसा होता रहा है तथा ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी बार ऐसा हो रहा है।

सिंह ने कहा कि मृत्यु हो रही है तो स्वाभाविक भी हो रही है तथा इसे सिर्फ गर्मी से ही जोड़कर न देखा जाए।

इधर, बलिया में भीषण गर्मी के बीच बड़ी संख्या में हो रही मौतों के बीच शासन ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिवाकर सिंह को हटा दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को इसकी पुष्टि की है।

सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में 'हीट स्ट्रोक' से करीब 25 रोगियों की मौत होने की जानकारी दी थी। हालांकि वह बाद में अपने दिए गए बयान से पलट गए थे।

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिवाकर सिंह ने मौतों को लेकर गलत आंकड़ा पेश किया था।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को इसलिए हटाया गया है क्योंकि उन्होंने लापरवाही भरा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे हर मरीज की पहचान करें और उसे बेहतर इलाज उपलब्ध कराएं।

जिला अस्पताल में रविवार को तीन अन्य रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की कुल संख्या 57 हो गई है ।

इस बीच, मामले को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम ने रविवार से जांच शुरू कर दी है।

टीम की अगुवाई कर रहे निदेशक (संचारी रोग) डॉ ए. के. सिंह ने बलिया में मौत की भयावहता को स्वीकार करते हुए कहा कि रोगियों का उपचार करने के लिए चिकित्सकों को समय तक नहीं मिल सका। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह मौतों की वजह के बारे में अभी कुछ नहीं बता सकते।

सिंह ने संवाददाताओं को बताया, “भर्ती कराए गए कई मरीजों की दो से छह घंटे के अंदर ही मौत हो गई। उनके खून की जांच तक नहीं कराई जा सकी। बलिया की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जलवायु विभाग से भी जांच करने का अनुरोध किया गया है। पानी की विशेष रूप से जांच होना आवश्यक है।“

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान अधिकांश रोगियों में सीने में दर्द, बुखार व सांस फूलने की बीमारी के लक्षण मिले हैं। टीम इन लक्षणों को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है।

इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक बयान में कहा कि प्रदेश में पूरी तरह से अराजकता है और सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।

उन्होंने दावा किया, “ गर्मी से बलिया में 24 घंटे में 36 मौतें होना दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना है। बलिया जिले में ही पिछले आठ दिनों में 121 मरीजों की मौत हो चुकी है।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,”भाजपा सरकार के दावों की पोल जनता के सामने खुल चुकी है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में जरूरी दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं।”










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