जानिये एशियाई खेलों को लेकर कैसी है भारतीय महिला हॉकी टीम की तैयारी, कोच ने कही ये बात

डीएन ब्यूरो

एशियाई खेलों से पहले यूरोप दौरे को अहम बताते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच यानेके शॉपमैन ने कहा कि उन्होंने अपनी टीम में जुझारूपन और हार नहीं मानने का जज्बा भरा है और उन्हें यकीन है कि उनकी टीम इसकी बानगी पेश करेगी । पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली:  एशियाई खेलों से पहले यूरोप दौरे को अहम बताते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच यानेके शॉपमैन ने कहा कि उन्होंने अपनी टीम में जुझारूपन और हार नहीं मानने का जज्बा भरा है और उन्हें यकीन है कि उनकी टीम इसकी बानगी पेश करेगी ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पिछले एशियाई खेलों के फाइनल में जापान से हारी भारतीय टीम जर्मनी और स्पेन के दौरे पर 16 से 19 जुलाई के बीच जर्मनी में चीन और मेजबान के खिलाफ दो मैच खेलेगी जबकि स्पेन में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और मेजबान के खिलाफ 25 से 30 जुलाई तक मैच होंगे ।

नीदरलैंड के लिये दो ओलंपिक खेल चुकी शॉपमैन ने बेंगलुरू से वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ मैं एशियाई खेलों में जीत की गारंटी तो नहीं दे सकती लेकिन इसकी गारंटी दे सकती हूं कि हमारी टीम खिताब जीतने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी । मैने इनके भीतर जो जुझारूपन और कभी हार नहीं मानने का जज्बा भरा है, वह देखने को मिलेगा ।’’

एशियाई खेल सितंबर अक्टूबर में चीन के हांगझोउ में खेले जायेंगे ।

इससे पहले मई में आस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए उन्होंने कहा ,‘‘टीम ने आस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन किया । मैं जूनियर टीम के साथ जापान भी गई थी जहां उसने एशिया कप जीता । भारतीय महिला हॉकी का कोर ग्रुप बड़ा हो गया है जिसके मायने हैं कि अभ्यास अच्छा चल रहा है । अब जूनियर टीम से ज्योति छत्री ने टीम में जगह बनाई है और कई खिलाड़ी जगह बनाने की दहलीज पर हैं ।’’

उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अभी सभी के पास एशियाई टीम में जगह बनाने के रास्ते खुले हैं । उन्होंने कहा ,‘‘यह जरूरी नहीं है कि यही टीम एशियाई खेलों में उतरे या जो नहीं चुने गए हैं, उनके लिये रास्ते बंद हो चुके हैं । यह दौरा सर्वश्रेष्ठ टीम को तलाशने का एक और मौका है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘जर्मनी दौरे पर हमें चीन से खेलने का मौका मिलेगा जिससे सामना एशियाई खेलों में होने वाला है । नीदरलैंड और आस्ट्रेलिया जैसी शीर्ष टीमों से हम हाल ही में खेल चुके हैं । एशियाड में हम वर्सेटाइल हॉकी खेलेंगे । अपनी रणनीति पर बने रहना और चीन तथा कोरिया जैसी टीमों की रफ्तार से निपटने की तैयारी रखनी है ।’’

नेशंस कप जीतने के बाद भारतीय टीम को प्रो लीग में सीधे प्रवेश मिला और कोच का मानना है कि पेरिस ओलंपिक से पहले यह अनुभव काफी काम आयेगा।

उन्होंने कहा ,‘‘ शीर्ष टीमों का कार्यक्रम व्यस्त होने के कारण उनसे अक्सर खेलने का मौका नहीं मिल पाता । ओलंपिक से पहले प्रो लीग में खेलने से विभिन्न चुनौतियों से निपटने का अनुभव मिलेगा मसलन अर्जेंटीना की चुनौती नीदरलैंड या आस्ट्रेलिया से बिल्कुल अलग होगी तो हम हर टीम का आकलन कर सकेंगे ।’’

भारतीय महिला टीम के साथ अनुभवी ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह ने दस दिन काम किया है और कोच का मानना है कि उनका अनुभव काफी काम आया है। उन्होंने कहा ,‘‘ रूपिंदर पहले भी टीम को समय दे चुके हैं और मैं चाहूंगी कि अगस्त में फिर वह हमारे ड्रैग फ्लिकर ( दीपिका, दीप ग्रेस इक्का, गुरजीत कौर ) के साथ काम करें। ’’

वहीं कप्तान सविता ने कहा कि अब उनकी टीम विरोधी टीमों के रसूख और रैकिंग से घबराती नहीं है और सर्वश्रेष्ठ का सामना करने के लिये तैयार रहती है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ टीम का आत्मविश्वास अच्छा है और पिछले चार पांच साल में हम विरोधी टीम की रसूख और रैंकिंग से प्रभावित नहीं हुए हैं । हमारा फोकस अपने प्रदर्शन पर ही रहता है जिससे अच्छे नतीजे भी मिले हैं ।’’

पुरूष हॉकी टीम ने हाल ही में मानसिक अनुकूलन विशेषज्ञ पैडी उपटन की सेवायें ली है लेकिन सविता का मानना है कि महिला टीम लगातार मानसिक पहलू पर काम कर ही रही है ।

उन्होंने कहा ,‘‘यानेके के आने के बाद इस पर काफी ध्यान दिया गया है ।टीम बैठकों से पहले मानसिक पहलू के लिये सत्र होता है । व्यक्तिगत स्तर पर भी इस पर लगातार काम हो रहा है। कोच खुद दो बार ओलंपिक खेली हैं तो उन्हें दबाव को झेलने का अच्छा अनुभव है।’’

शिविर में अभ्यास के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ हम काफी कड़ा अभ्यास कर रहे हैं और आक्रामक हॉकी पर फोकस कर रहे हैं । पेनल्टी कॉर्नर अटैक और डिफेंस पर काम कर रहे हैं। टीम में जगह के लिये स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है जिससे हर कोई अच्छे प्रदर्शन पर पूरा फोकस कर रहा है ।’’










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