

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वे एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और संसद के अंदर व बाहर किसानों और लोगों के कल्याण की बात करते हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्लीः संसद सत्र की शुरुआत से ही सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है। इस बीच मंगलवार को विपक्षी इंडिया गठबंधन ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। वहीं, अब इसपर सरकार की ओर से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने धनखड़ के खिलाफ इंडिया ब्लॉक द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की निंदा की और विपक्ष पर राज्यसभा और लोकसभा दोनों की कुर्सी की गरिमा का अनादर करने का आरोप लगाया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा कि वे राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के काम से खुश हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सदन में एनडीए को बहुमत है। रिजिजू ने कहा, "विपक्ष ने कुर्सी की गरिमा का अनादर किया, चाहे वह राज्यसभा में हो या लोकसभा में। हम सभी जानते हैं कि संसदीय परंपरा में लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष हमारे मार्गदर्शक होते हैं। जो भी कुर्सी पर बैठता है, हमें उनकी बात माननी होती है। कांग्रेस पार्टी और उनके गठबंधन ने लगातार कुर्सी के निर्देश का पालन न करके गलत व्यवहार किया।"
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और संसद के अंदर और बाहर किसानों और लोगों के कल्याण की बात करते हैं। रिजिजू ने कहा, "वे हमें मार्गदर्शन देते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। जो नोटिस दिया गया है, मैं उन 60 सांसदों के कदम की निंदा करता हूं जिन्होंने नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं। एनडीए के पास बहुमत है और हम सभी को चेयरमैन पर भरोसा है। जिस तरह से वह सदन का मार्गदर्शन कर रहे हैं, उससे हम खुश हैं।"
कांग्रेस ने कही ये बात
उधर, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया ग्रुप के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। रमेश ने कहा कि इंडिया की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है। यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है।