कर्नाटक उच्च न्यायालय ने चिकित्सा कर्मियों की कमी के मामले का स्वत: संज्ञान लिया

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों और अन्य कर्मियों की कमी को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को मामले का स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर करने की पहल की।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

फाइल फोटो
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बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों और अन्य कर्मियों की कमी को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को मामले का स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर करने की पहल की।

मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की पीठ ने एक खबर का संज्ञान लेकर कार्यवाही शुरू की। खबर के मुताबिक, राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों एवं तकनीशियन सहित विभिन्न चिकित्सा कर्मियों के कुल 16,500 पद रिक्त हैं।

पीठ ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि वह खबर के आधार पर जनहित याचिका दाखिल करे और अदालत के समक्ष पेश करे।

उच्च न्यायालय ने रेखांकित किया कि खबर में कहा गया है कि 454 ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का अभाव है।

खबर के मुताबिक, सरकारी अस्पतालों में एमएमबीएस डॉक्टर के 723 पद, नर्स के 7,492 पद, लैब तकनीशियन के 1,517 पद, फार्मासिस्ट के 1,517 पद, अटेंडेंट के 1,752 पद और समूह ‘घ’ के 3,253 पद रिक्त हैं।

मामले में अदालत की सहायता करने के लिए अधिवक्ता श्रीधर प्रभु को न्यायमित्र नियुक्त किया गया है।

 










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