Karnataka: हनुमान ध्वज विवाद, पंचायत विकास अधिकारी निलंबित

डीएन ब्यूरो

मांड्या में 108 फुट ऊंचे ध्वजस्तंभ से हनुमान ध्वज हटाने को लेकर बढ़ते तनाव के बीच केरागोडु ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (पीडीओ) को निलंबित कर दिया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

हनुमान ध्वज विवाद
हनुमान ध्वज विवाद


मांड्या: कर्नाटक के मांड्या में 108 फुट ऊंचे ध्वजस्तंभ से हनुमान ध्वज हटाने को लेकर बढ़ते तनाव के बीच केरागोडु ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (PDO) को निलंबित कर दिया गया है।

मांड्या जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेख तनवीर आसिफ द्वारा सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि केरागोडु गांव में केवल भारतीय ध्वज तिरंगा फहराने की अनुमति दी गई थी।

यह भी पढ़ें: हनुमान ध्वज हटाए जाने के बाद कर्नाटक के गांव में तनाव बरकरार

आदेश में कहा गया है कि पीडीओ ने न केवल लोगों को हनुमान ध्वज फहराने का मौका दिया बल्कि इसे हटाने के लिए भी कदम नहीं उठाया।

पंचायत उपमंडल अधिकारी ने 28 जनवरी को तहसीलदार और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर झंडा हटा दिया जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई और इसके लिए पीडीओ को जिम्मेदार ठहराया गया।

यह भी पढ़ें: AVGC-XR प्रौद्योगिकी से कर्नाटक में 30,000 नौकरियों का सृजन होगा

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) (जद-एस) ने मांड्या में हनुमान ध्वज को हटाए जाने के विरोध में और उसे फिर से लगाए जाने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जिसके कारण सोमवार को सुरक्षा बढ़ा दी गई।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने विपक्षी भाजपा और जद (एस) पर आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस मुद्दे पर लोगों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

पुलिस ने रविवार को केरागोडु गांव में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया था और बाद में प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में हनुमान ध्वज की जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भगवा झंडे थामे ‘‘जय श्री राम’’ के नारों के बीच केरागोडु से मांड्या के जिला मुख्यालय में उपायुक्त कार्यालय तक लगभग 14 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए मार्च किया। उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे भी लगाये।

प्रदर्शनकारियों में भाजपा नेता सी. टी. रवि और प्रीतम गौड़ा तथा जद (एस) नेता सुरेश गौड़ा और के. अन्नदानी शामिल थे।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जैसे ही मार्च मांड्या शहर पहुंचा, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के लाठीचार्ज का सहारा लिया क्योंकि कुछ कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य कांग्रेस नेताओं की तस्वीर वाले एक फ्लेक्स बोर्ड को गिराने की कोशिश की।

बाद में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी उपायुक्त कार्यालय के पास एकत्र हुए जहां बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी और अवरोधक लगाए गए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी सहित रवि और जद (एस) नेताओं ने भीड़ को संबोधित किया।










संबंधित समाचार