झारखंड की सीता सोरेन ने थामा भाजपा का दामन

डीएन ब्यूरो

झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो )की विधायक सीता सोरेन ने अपनी पार्टी एवं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद आज यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सीता सोरेन ने थामा भाजपा का दामन
सीता सोरेन ने थामा भाजपा का दामन


नयी दिल्ली: झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो )की विधायक सीता सोरेन ने अपनी पार्टी एवं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद आज यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार रांची से यहां पहुंची  सीता सोरेन ने भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय में भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखंड के प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी के हाथों भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर  तावड़े ने कहा कि श्रीमती सोरेन के आने से झारखंड एवं आसपास के इलाकों में दिखेगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आदिवासियों के हित के काम और तेजी से एवं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित होंगे और उनका योगदान भी होगा।

लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि झामुमो में रहते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने एवं दिल्ली तक आवाज उठाने का काम श्रीमती सोरेन ने किया है।

सीता सोरेन ने कहा कि आज हम झामुमो के महापरिवार को छोड़ कर के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशाल परिवार में शामिल हो रहे हैं। जिस तरह से नरेन्द्र मोदी का सोच पूरे भारत पूरे विश्व में जो हम सब को देखने काे मिल रहा है। आये दिन विकास का कार्य हो रहा है। सभी टीम भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह सभी मिल कर इस काम में लगे हैं कि भारत का विकास कैसे हो। इसी दृष्टिकोण के साथ हम चुनाव में आये हैं। पूरे देश में लोग भाजपा में मोदी परिवार में विश्वास रखते हुए इस परिवार से जुड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, “मैं 14 साल झामुमो में रही। मेरे ससुर एवं पति के नेतृत्व में झारखंड अलग राज्य बना। उन्होंने झारखंड को विकसित बनाने की कोशिश की। लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया। कहीं ना कहीं इतनेे साल बीतने के बावजूद ऐसा नहीं हो सका।

आज तक झारखंड उपेक्षित है। देश का 40 प्रतिशत खनिज मिलता है। लेकिन रोज़गार के लिए लोग पलायन कर रहे हैं। यह चिंता का विषय है। झारखंड विकास से कोसों से दूर है। ऐसे में हमें झारखंड को बचाने और झारखंड के वासियों को न्याय दिलाने के लिए मैं मोदी के परिवार में शामिल हुई हूं। इससे मैं बहुत खुश एवं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। झारखंड की सभी 14 सीटों में कमल खिलेगा।”

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन की पुत्रवधू  सोरेन ने आज विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो को अपना त्यागपत्र भेज दिया जबकि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा का पत्र पार्टी सुप्रीमो एवं अपने श्वसुर  शिबू सोरेन को भेजा।

पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सरकार में मंत्री नहीं बनाये जाने से सीता सोरेन नाराज चल रहीं थीं।  सोरेन झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के पुत्र दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। वह झामुमो के टिकट पर तीन बार से विधायक हैं।

 सीता सोरेन ने झामुमो के केन्द्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को लिखे त्यागपत्र में लिखा है, “मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं। पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमे अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यन्त पीड़ा दायक रहा है। मुझे उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। झामुमो जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समपर्ण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था, आज वह पार्टी नहीं रही। मुझे यह देख कर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते।”

उन्होंने लिखा है कि शिबू सोरेन (गुरूजी बाबा के) अथक प्रयासों के बावजूद जिन्होने हम सभी को एक जुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उनके प्रयास भी विफल रहें मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रहीं है। मै अत्यन्त दुखी हूं मैने यह दृढ़ निश्चय किया है कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा। इसलिए मैं पार्टी की ज्ञअपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहीं हूं और आप से निवेदन करती हूं कि मेरे इस्तीफे को स्वीकार किया जाए।










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