Lok Sabha: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक, 2021 लोक सभा से पास, जानिये इसके बारे में

डीएन ब्यूरो

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 आज शनिवार को लोक सभा से पारित कर दिया गाय। गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को लेकर हुई चर्चा का भी जबाव दिया। जानिये, इस विधेयक के बारे में

लोक सभा में विधेयक पर चर्चा का विस्तार से दिया गया जबाव
लोक सभा में विधेयक पर चर्चा का विस्तार से दिया गया जबाव


नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 आज शनिवार को लोक सभा से पारित कर दिया गया। इससे पूर्व गृह मंत्री अमित शाह ने लोक सभा में इस विधेयक को लेकर हुई चर्चा का विस्तार से जवाब दिया। इस मौके पर अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार के काम को गिनाते हुए कहा कि जितना काम पूर्व की सरकारों ने 4 पीढ़ियों में किया है, उतना काम हमने 17 महीनों में कर दिया है।

यह विधेयक राज्यसभा में पारित हो चुका है। इस विधेयक को सरकार ने शनिवार को ही चर्चा व पारित करने के लिए लोकसभा में पेश किया था। विधेयक पर लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए रखते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का सपना पूरा किया है और दोनों राज्यों को विकास की ओर ले जाने का प्रयास जारी है। अमित शाह के जबाव के दौरान लोक सभा में विपक्षी दलों ने नेताओं ने कई सवाल भी किये लेकिन आखिरकार विधेयक को पास कर दिया गया।

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के प्रावधानों के अनुसार मौजूदा जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा होंगे। इस विधेयक के अस्तित्व में आने से केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए भविष्य के सभी अधिकारियों के आवंटन अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर से होंगे। 

विधेयक के अनुसार अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर के अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार कार्य करेंगे।

लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास होने के बाद लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा कि इससे राज्य के अधिकारियों को दूसरी जगह जाकर सेवा करने का मौका मिलेगा और दूसरी जगह से अधिकारियों को आकर राज्य में सेवा करने का मौका मिलेगा। इससे अनुभव और कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने इस विधेयक को जम्मू-कश्मीर के पक्ष में बताया।  










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