

इनकम टैक्स की टीम ने गोरखपुर, संत कबीर नगर, लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये आखिर क्या है छापेमारी से जुड़ा मामला
गोरखपुर: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरूवार को एक बड़ा एक्शन लिया है। इनकम टैक्स की टीम ने गोरखपुर, संत कबीर नगर, लखनऊ समेत कई जिलों में छापेमारी की। यह छापेमारी में रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े आर्बिट ग्रुप समेत अन्य संबंधित प्रतिष्ठानों पर की गई है।
आयकर विभाग की टीम की छापेमारी के दौरान व्यापारियों के सभी दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। इस छापेमारी से सभी व्यापारियों में हड़कंप मच गया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह एक्शन आज सुबह करीब 9 बजे लिया, जो दोपहर के बाद तक चलती रही।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का एक्शन
आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक सिंह और रवींद्र कौर सैनी के निर्देशन में छापेमारी की कार्रवाई की गई। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गोरखपुर-लखनऊ समेत कई जिलों में छापेमारी की है। यह छापेमारी सुबह करीब 9 बजे सिविल हरिओम नगर सिविल लाइंस स्थित आर्बिट ग्रुप के डायरेक्टरों के निवास पर की गई। वहीं टीम अभी हरिओम नगर स्थित समूह के दोनों निदेशकों अभिषेक अग्रवाल और आनंद मिश्रा के घर जांच-पड़ताल कर रही है। फिलहाल दोनों निड़ेशकों का मोबाइल फोन भी बंद है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज रोड स्थित आर्बिट अपार्टमेंट स्थित दफ्तर भी टीम पहुंची है। इतना ही नहीं गोरखपुर के अलावा लखनऊ स्थित आवास समेत कई जिलों में आर्बिट ग्रुप के ठिकानों पर अभी रेड जारी है।
अचानक चर्चा में आया आर्बिट ग्रुप
दरअसल, आर्बिट ग्रुप का काम ऑटोमोबाइल के साथ रियल इस्टेट में पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ता जा रहा है। शहर भर में लगातार दो दर्जन से अधिक कमर्शियल बिल्डिंग और कांप्लेक्स बनाकर इस समूह ने तेजी से न ही सिर्फ अपना प्रसार किया है, बल्कि शहर भर में अचानक यह समूह चर्चा में भी आ चुका हैं। बता दें, शहर में दो दर्जन से अधिक कामर्शियल भवन व कांप्लेक्स इस समूह ने बनवाए हैं। इनके पास आर्बिट के नाम से ही मारूति की गाड़यों का शो रूम भी है। समूह से जुड़े दोनों निदेशकों अभिषेक अग्रवाल और आनंद मिश्र के मोबाइल बंद हैं।
7 साल पहले रियल इस्टेट में आया आर्बिट ग्रुप
पिछले लगभग 7 सालों में आर्बिट समूह ने कई बड़े भवनों का निर्माण किया है। बड़ी कंपनियों के शोरूम एवं रिटेल स्टोर इन भवनों में हैं। सभी प्रमुख स्थानों पर इनके भवन नजर आते हैं। मेडिकल रोड पर एक अपार्टमेंट भी बनवाया है। आयकर की टीम ने गोरखपुर में दोनों निदेशकों के आवास, मेडिकल कालेज रोड स्थित कार्यालय और लखनऊ स्थित आवास पर भी जांच शुरू की है।
किराए पर हैं अधिकतर संपत्तियां
इस समूह के बारे में एक बात चर्चित है कि जो भी भवन ये बनवाते हैं, उसे किराए पर ही देते हैं। आमतौर पर भवन बनाकर लोग बेचते हैं और पूंजी निकालकर दूसरे प्रोजेक्ट कर काम करते हैं। लेकिन यह समूह बिल्डिंग बनाता है और उसे किराए पर देता है। उसके बाद दूसरी प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाता है। गोरखपुर में यह समूह सबसे तेजी से उभरा है।