न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की विवादित योजना पर तत्काल रोक की नेतन्याहू से अपील, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग ने सोमवार को सरकार से न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की विवादित योजना को तत्काल रोकने का अनुरोध किया और चेतावनी दी कि इसने देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज को खतरे में डाल दिया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

बेंजामिन नेतन्याहू (फाइल फोटो)
बेंजामिन नेतन्याहू (फाइल फोटो)


तेल अवीव: इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग ने सोमवार को सरकार से न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की विवादित योजना को तत्काल रोकने का अनुरोध किया और चेतावनी दी कि इसने देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज को खतरे में डाल दिया है।

राष्ट्रपति ने यह अपील तब की है जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस योजना का विरोध करने के लिए अपने रक्षा मंत्री को बर्खास्त कर दिया जिसके विरोध में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे।

हरजोग ने सरकार से देश की खातिर राजनीतिक मतभेदों को दूर रखने का भी आह्वान किया।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘गत रात हमने बहुत मुश्किल हालात देखे। मैं प्रधानमंत्री, सरकार के सदस्यों और गठबंधन के सदस्यों से अपील करता हूं कि भावनाएं आहत हैं। पूरा देश गहरी चिंता में डूबा हुआ है। हमारी सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, समाज- सभी खतरे में हैं। इजराइल के सभी लोग उम्मीद भरी निगाहों से आपको देख रहे हैं। सभी यहूदी लोग आपसे उम्मीद लगाए बैठे हैं। पूरी दुनिया को आपसे उम्मीद है।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इजराइल के लोगों की एकता की खातिर, आवश्यक जिम्मेदारी की खातिर, मैं आपसे विधायी प्रक्रिया तत्काल रोकने का अनुरोध करता हूं।’’

उन्होंने सत्ता में बैठे सभी नेताओं से देश के नागरिकों को सर्वोपरि रखने का आग्रह किया।

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प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की उनकी योजना को चुनौती देने वाले रक्षा मंत्री योआव गैलेन्ट को बर्खास्त कर दिया जिसके विरोध में हजारों प्रदर्शनकारी रविवार रात को सड़कों पर उतर आए।

गैलेन्ट ने शनिवार शाम को कहा था कि न्यायपालिका में बदलाव ‘‘देश की सुरक्षा को खतरा’’ है।

गैलेन्ट द्वारा टेलीविजन पर दिए भाषण से नाराज प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार शाम को एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 26 मार्च 2023 को रक्षा मंत्री योआव गैलेन्ट को बर्खास्त करने का फैसला किया है।’’

इस घोषणा के बाद अभूतपूर्व आक्रोश जताते हुए देशभर में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए।

न्यायपालिका में बदलाव की सरकार की योजना का न केवल देश में विरोध किया गया बल्कि नेतन्याहू की इटली, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा के दौरान भी यहूदी प्रवासी समुदाय के हजारों लोगों ने इसका विरोध किया था।

इन प्रदर्शनों ने कारोबारी नेताओं, पूर्व सुरक्षा प्रमुखों तथा इजराइल के करीबी सहयोगी अमेरिका को भी चिंतित कर दिया है।

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हिब्रू मीडिया में अपुष्ट खबरें हैं कि नेतन्याहू आज कोई घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने रातभर राजनीतिक सहयोगियों से बैठकें कीं।

इसकी अभी कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है।

प्रदर्शन तेज होने पर सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी के कुछ नेताओं ने समझौता करने की इच्छा जतायी है।

नेतन्याहू के विश्वासपात्र एवं संस्कृति मंत्री मिकी जोहर ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव का प्रस्ताव रोकना चाहते हैं तो पार्टी उनका समर्थन करेगी।

दरअसल, नेतन्याहू की सरकार इस सप्ताह ऐसे विधेयक पर संसद में मतदान कराने की योजना बना रही है जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन को न्यायिक नियुक्तियों पर अंतिम मुहर लगाने की शक्ति मिल जाएगी। इसमें ऐसे कानून पारित करने का भी प्रावधान है जिससे संसद को आम बहुमत के साथ उच्चतम न्यायालय के फैसलों को पलटने तथा कानूनों की न्यायिक समीक्षा सीमित करने का अधिकार मिल जाएगा।

नेतन्याहू तथा उनके सहयोगियों का तर्क है कि इस योजना से न्यायिक तथा कार्यकारी शाखाओं के बीच संतुलन बहाल होगा। लेकिन आलोचकों का कहना है कि ये कानून इजराइल की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संतुलन बिगाड़ देगा और सत्तारूढ़ गठबंधन के हाथ में शक्तियां सौंप देगा। उनका यह भी कहना है कि ये कानून भ्रष्टाचार के मुकदमे का सामना कर रहे नेतन्याहू के लिए हितों का टकराव भी है।










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