Smartphone: क्या आपका स्मार्टफोन भी कर रहा जासूसी ? प्राइवेसी रखने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके
कई बार ऐसा लगता है कि हमारा स्मार्टफोन हमारी बातचीत सुन रहा है, क्योंकि जिस विषय पर हम चर्चा करते हैं, हमें वही विज्ञापन दिखने लगते हैं। क्या है सच? पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में

नई दिल्ली: आज के डिजिटल युग में, स्मार्टफोन का उपयोग आम हो चुका है, लेकिन इसके साथ ही प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। कई बार ऐसा लगता है कि हमारा स्मार्टफोन हमारी बातचीत सुन रहा है, क्योंकि एक ही विषय पर चर्चा करने के बाद हमें वही विज्ञापन दिखने लगते हैं। इस आर्टिकल में हम कुछ आसान तरीकों से आपकी स्मार्टफोन प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के टिप्स साझा करेंगे।
ऐप परमिशन मैनेज करें
आपके स्मार्टफोन में इंस्टॉल ऐप्स को अक्सर कैमरा, माइक्रोफोन और स्टोरेज का एक्सेस दिया जाता है। यह जरूरी है कि हम केवल आवश्यक ऐप्स को ही एक्सेस दें। Settings में जाकर Privacy > Permission Manager में जाकर आप देख सकते हैं कि किस ऐप को कौन-कौन सी एक्सेस मिली हुई है। केवल जरूरी एक्सेस देने से आप अपनी प्राइवेसी को बढ़ा सकते हैं।
सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी अपडेट करें
स्मार्टफोन कंपनियां नियमित अंतराल पर सिक्योरिटी अपडेट प्रदान करती हैं। फोन के सॉफ्टवेयर और इंस्टॉल किए गए ऐप्स को अपडेट रखना जरूरी है। यह न केवल सिक्योरिटी में सुधार करेगा, बल्कि आपके फोन को स्पाइवेयर और मालवेयर से भी सुरक्षित रखेगा।
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वॉइस असिस्टेंट को डिसेबल करें
यदि आप Google Assistant, Siri या Alexa का उपयोग नहीं करते हैं, तो इन्हें डिसेबल कर देना चाहिए। इससे माइक्रोफोन तब ही सक्रिय होगा जब आपको इसकी आवश्यकता हो, जिससे आपकी प्राइवेसी सुरक्षित रहेगी।
पब्लिक Wi-Fi से बचें
पब्लिक Wi-Fi नेटवर्क असुरक्षित होते हैं। ऐसे में, यदि आपको किसी कारणवश पब्लिक Wi-Fi का उपयोग करना पड़े, तो VPN का उपयोग करें। यह आपकी ऑनलाइन गतिविधियों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
थर्ड-पार्टी ऐप्स डाउनलोड न करें
स्मार्टफोन में केवल Google Play Store या Apple App Store से ऐप्स इंस्टॉल करें। थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करने से बचें, क्योंकि ये असुरक्षित हो सकते हैं और आपकी प्राइवेसी को खतरे में डाल सकते हैं।
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फोन को समय-समय पर रीस्टार्ट करें
स्मार्टफोन को हफ्ते में एक बार रीस्टार्ट करना भी आवश्यक है, क्योंकि इससे किसी भी स्पाइवेयर या मालवेयर का कार्य करना बंद हो जाएगा। इसके साथ ही, यह ऐप्स की बैकग्राउंड प्रोसेसिंग भी रोक देगा।
इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपनी स्मार्टफोन प्राइवेसी को बेहतर बना सकते हैं और संभावित खतरों से सुरक्षित रह सकते हैं।