सरकारी अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित धन की हो जांच हो: अदालत

डीएन ब्यूरो

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कहा है कि नौकरी के दौरान सरकारी अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित किये गये धन का पता लगाना राज्य सरकार का दायित्व हो।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (फाइल)
इलाहाबाद उच्च न्यायालय (फाइल)


लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कहा है कि नौकरी के दौरान सरकारी अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित किये गये धन का पता लगाना राज्य सरकार का दायित्व हो।

लखनऊ पीठ ने शिक्षा माफिया को लेकर यह कहते हुए चिंता प्रकट की कि ‘ सरकारी कर्मियों में शिक्षा माफिया हैं जिनसे निपटने की जरूरत है।’’

इसी के साथ न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने संयुक्त शिक्षा निदेशक (अयोध्या संभाग) अरविंद कुमार पांडे की अर्जी खारिज कर दी। पांडे ने भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें निलंबित करने के राज्य सराकर के 15 अप्रैल, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी।

आदेश जारी करते हुए पीठ ने प्रधान सचिव (गृह) से जरूरी कार्रवाई करने और पांडे के खिलाफ अनुशानात्मक कार्रवाई और सतर्कता जांच शीघ्र पूरा कराने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान पांडे की अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों की प्रबंधन समितियों के साथ मिलीभगत कर 122 शिक्षकों की सेवाएं अवैध रूप से नियमित कर दी।










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