Indian Navy: भारतीय नौसेना ने शुरू किया ‘जूले लद्दाख’ कार्यक्रम, जानिये इसकी खास बातें और ये बड़े उद्देश्य

डीएन ब्यूरो

भारतीय नौसेना ने हिमालयी क्षेत्र में नौसेना की सेवा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और युवाओं और नागरिक संगठन के सदस्यों के साथ जुड़ने के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को ‘जूले लद्दाख’ (हैलो लद्दाख) नामक एक संपर्क कार्यक्रम शुरू किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नौसेना ने शुरू किया ‘जूले लद्दाख’ कार्यक्रम
नौसेना ने शुरू किया ‘जूले लद्दाख’ कार्यक्रम


नयी दिल्ली: भारतीय नौसेना ने हिमालयी क्षेत्र में नौसेना की सेवा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और युवाओं और नागरिक संगठन के सदस्यों के साथ जुड़ने के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को ‘जूले लद्दाख’ (हैलो लद्दाख) नामक एक संपर्क कार्यक्रम शुरू किया।

भारतीय नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह ने यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से 5,000 किलोमीटर के मोटरसाइकिल अभियान को हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। ‘जुले लद्दाख’ का अर्थ ‘लद्दाख में आपका स्वागत है’ होता है।

अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि नौसेना ने हमेशा साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है क्योंकि वह न केवल अपने कर्मियों को उच्च लक्ष्य और बेहतर हासिल करने के लिए प्रेरित करती है, बल्कि उनमें टीम के रूप में काम करने के साथ ही सौहार्द की भावना को भी मजबूत करती है।

सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस अभियान के साथ हम न केवल किसी भी लड़ाकू सुरक्षा बल के लिए महत्वपूर्ण अपनी टीम-निर्माण की भावना और क्षमता का निर्माण करने में सक्षम होंगे, बल्कि सभी क्षेत्रों यहां तक कि समुद्र से दूर के क्षेत्रों में समुद्री चेतना और जागरूकता का विस्तार भी करेंगे। हम इन अद्भुत सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निरंतर संवाद जारी रखने को लेकर आशान्वित हैं और उम्मीद करते हैं कि इन क्षेत्रों से और लोग नौसेना में शामिल हो सकेंगे।’’

समुद्री चेतना और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अभियान शुरू करने वाले ‘सी राइडर्स’ को बधाई देते हुए वाइस एडमिरल ने ‘टीवीएस मोटरसाइकिलों पर उनकी सुरक्षित और यादगार सवारी’ की कामना की।

अभियान में अधिकारियों और नाविकों सहित कुल 35 नौसैनिक भाग ले रहे हैं, जो दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से होते हुए 28 जून को लेह पहुंचेगा। रास्ते में वे प्रतिभागी स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों से बातचीत करेंगे, करगिल युद्ध स्मारक और रेजांग ला की 1962 की लड़ाई के स्मारक पर सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे।










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