भारतीय अमेरिकियों ने इस फिल्म को 'आंखें खोल देने वाली’ करार दिया, जानिये इसकी खास बातें

डीएन ब्यूरो

भारतीय-अमेरिकियों ने पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द वैक्सीन वॉर' की सराहना की और 1.4 अरब की आबादी वाले देश भारत में कोविड-19 से निपटने में भारतीय वैज्ञानिकों, विशेष रूप से महिलाओं के योगदान पर आधारित इस फिल्म को ‘‘आंखें खोल देने वाली’’ करार दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर:

द वैक्सीन वॉर
द वैक्सीन वॉर


वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकियों ने पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द वैक्सीन वॉर' की सराहना की और 1.4 अरब की आबादी वाले देश भारत में कोविड-19 से निपटने में भारतीय वैज्ञानिकों, विशेष रूप से महिलाओं के योगदान पर आधारित इस फिल्म को ‘‘आंखें खोल देने वाली’’ करार दिया।

अग्निहोत्री, 'इंडिया फॉर ह्यूमैनिटी टूर, यूएसए' के तहत विभिन्न शहरों में चुनिंदा दर्शकों के सामने अपनी नई फिल्म की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। वाशिंगटन के मैरीलैंड उपनगर में फिल्म देखने के बाद भारतीय-अमेरिकियों ने अग्निहोत्री के लिए खड़े होकर तालियां बजाईं।

अग्निहोत्री के साथ उनकी पत्नी पल्लवी जोशी भी मौजूद थीं, जो एक प्रसिद्ध अभिनेत्री और फिल्म निर्माता हैं।

यह फिल्म विषम परिस्थितियों और कुछ विदेशी कंपनियों द्वारा पैदा की गई बाधाओं के बीच भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा कोविड-19 टीके को सफलतापूर्वक विकसित करने की कहानी पर आधारित है।

वाशिंगटन में ‘क्वेस्ट डायग्नोस्टिक्स लैब’ में काम करने वाली भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक ज्योता ने फिल्म देखने के बाद कहा, ''मैं इस बात की वाकई सराहना करती हूं कि कैसे इस फिल्म ने कमतर आंके जाने वाले भारतीय वैज्ञानिकों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया। हम (महिला वैज्ञानिक) सराहना से वंचित रह जाते हैं। वैज्ञानिक, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की रीढ़ हैं और उनकी सराहना नहीं होती क्योंकि हम अस्पताल के भूमिगत तल में या फिर अस्पताल के पिछले कमरों में काम करते हैं और लोग वास्तव में नहीं जानते कि हम क्या कर रहे हैं।''

फिल्म के स्थानीय आयोजकों ने शुरू में सिर्फ एक थिएटर में फिल्म की स्क्रीनिंग की योजना बनाई थी लेकिन भारतीय-अमेरिकियों के बीच इसकी जबरदस्त मांग को देखते हुए इसे दो थिएटर में दिखाया गया।

दोनों थिएटर दर्शकों से खचाखच भरे रहे और उन्होंने विवेक एवं पल्लवी के लिए खड़े होकर तालियां बजाईं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार फिल्म देखने के बाद एक अन्य दर्शक मुक्ता ने कहा, ''यह एक प्रेरणादायक फिल्म है।''

मुक्ता के पति विजय ने कहा, ''टीका विकसित करने में वास्तव में कितनी मेहनत लगी, कौन-कौन सी कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, किस तरह का दबाव था, किन कठिनाइयों पर काबू पाना था और इसकी सफलता की संभावना क्या थी, इस बारे में मैंने बहुत कुछ सीखा। यह सब जानकर बहुत अच्छा लगा। फिल्म के निर्देशकों और निर्माताओं को धन्यवाद।''

भारत ने स्वदेश निर्मित कोविड-19 टीकों की दुनिया भर के विभिन्न देशों में आपूर्ति के लिए एक विशेष पहल 'वैक्सीन मैत्री' की शुरुआत की थी।

भारत ने इस पहल के अंतर्गत दिसंबर 2022 के पहले सप्ताह तक 101 देशों और दो संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं को कोविड टीके की 28.2 करोड़ से अधिक खुराक की आपूर्ति की थी।










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