SCO Summit 2022: भारत ने SCO के लिये दो कार्य समूह बनाने के रखे प्रस्ताव, जानिये PM मोदी के संबोधन की खास बातें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को उज़्बेकिस्तान में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों के 22वें सम्मेलन को संबोधित किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 16 September 2022, 4:55 PM IST
google-preferred

समरकंद (उज़्बेकिस्तान): शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों के 22वें सम्मेलन में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एससीओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है। इस मौके पर भारत ने लोक केन्द्रित विकास के लिए प्रौद्योगिकी आधारित नवान्वेषण एवं स्टार्ट अप्स के अनुभव तथा पारंपरिक औषधियों एवं चिकित्सा पद्धतियों एससीओ के सदस्य देशों के साथ साझा करने के लिए दो विशेष कार्य समूह बनाने का प्रस्ताव किया है।

पीएम मोदी ने सम्मेलन के प्रमुख सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी ने कहा कि आज जब पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, एससीओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। एससीओ के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं, और विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या भी एससीओ देशों में निवास करती है। 

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा के बारे में चर्चा की तथा टिकाऊ एवं भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला बनाने की भी आवश्यकता दोहरायी और इसके लिए कनेक्टिविटी मजबूत करने एवं पारगमन का अधिकार देने पर भी बल दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत को एक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में प्रगति कर रहे हैं। भारत का युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स हमें स्वाभाविक रूप से कंपटेटिव बनाता है। इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी इकॉनोमी में सबसे अधिक होगी। 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत एससीओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है। महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन्स में कई बाधाएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना कर रहा है।

उन्होंने कहा कि एससीओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त, टिकाऊ और विविध आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक दूसरे को पारगमन का पूरा अधिकार दें।

पीएम मोदी ने इस वर्ष के चुनौतिपूर्ण ग्लोबल और क्षेत्रीय वातावरण में एससीओ  के प्रभावी नेतृत्व के लिए प्रेसिडेंट मिरज़ियोएव भी बधाई दी।