अगर आप भी चाहती हैं नॉर्मल डिलीवरी तो करें ये उपाय, नहीं करवाना पड़ेगा सिजेरियन
बच्चे को जन्म देना एक औरत के लिए सबसे प्राकृतिक और सुखद अनुभव होता है। कुछ डॉक्टर्स पैसों के लालच में नॉर्मल डिलीवरी के बजाय सिजेरियन करते हैं। क्योंकि कुछ डॉक्टर पेशेंट को बोलते हैं कि नॉर्मल डिलीवरी जोखिम भरा और दर्दनाक होता है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं होता है। पढ़ें नॉर्मल डिलीवरी के लिए कुछ खास और आसान तरीके..
नई दिल्ली: नॉर्मल डिलीवरी (Normal delivery) के तैयारी के लिए पहला कदम उसके बारे में जानकारी हासिल करना होता है। नॉर्मल डिलीवरी (normal delivery) के तैयारी करनी ज़रूरी है क्योंकि आज कल ज़्यादातर महिलाएं पहली गर्भास्था ज़्यादा उम्र में कर रही है और उनके रोज़ाने की ज़िंदगी में व्यायाम की कमी है।
आज हम आपको नॉर्मल डिलीवरी के लिए फायदेमंद तरीके बताएंगे।
1. मां और बच्चे, दोनो के लिए नॉर्मल डिलीवरी (Normal Delivery) ज़्यादा सुरक्षित है।
2. नॉर्मल डिलीवरी न सिर्फ मां जल्दी स्वस्थ हो जाती है बल्कि बच्चे को भी स्वास (सांस) की समस्याएं होने की संभावना कम करता है।
3. अपनी डिलीवरी के लिए सही डॉक्टर का चयन करें। उन्हें कहें की आपको नॉर्मल डिलीवरी ही करानी है। आप अपने डॉक्टर द्वारा प्रसूत महिलाओं से बात करके उनके अनुभव के बारे में जान सकती है।
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4. अपने वजन पर नियंत्रण रखें, और रोज व्यायाम करें।
a. गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने से मां औऱ बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है।
b. आपको केवल 200 -300 कैलोरी अतिरिक्त खाना चाहिए।
c. आपके जीवनशैली में 10-15 मीनट सैर की शुरुआत करें, धीरे-धीरे बढ़ा कर 40 मीनट प्रतिदिन करें।
5. सैर करने से महिलाओं की सहनशक्ति बढ़ती है, जिससे लेबर पेन के समय दर्द सहने की शक्ति मिलती है।
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6. एक ऐसा पार्टनर चुनें, जिस पर डिलीवरी के समय भरोसा किया जा सके। वो आपकी मां या पति कोई भी हो सकती है।
7. गर्भवति महिलाओं को एंटीनेटल क्लास (antenatal class) ज्वाइन करना चाहिए (डिक्शनरी में एंटीनेटल क्लास की परिभाषा एक ऐसी कक्षा है जिसमें महिलाओं को स्वस्थ रहने, जन्म के साथ सामना करने, नवजात शिशु की देखभाल आदि सिखाया जाता है)
8. हमें अपने आप पर पूरा भरोसा रखना चाहिए। प्रेगनेंसी के समय हमेशा खुश रहना चाहिए और किसी बात की टेंशन नहीं लेना चाहिए।