उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित यह हिल स्टेशन सैलानियों की पहली पसंद है। यहां की आबोहवा और फिजाओं का महकता रूप सैलानियों को मंत्रमुग्ध करता है। यह एक लोकप्रिय स्कीइंग प्वांइट भी है। तस्वीरों में देखिए मनमोहक नजारे
मखमली सफेद चादर से ढ़की औली
अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, हरियाली और मौसम के चलते औली को उत्तराखंड के स्विटजरलैंड का दर्जा प्राप्त है। बर्फबारी के बाद औली का नजारा बेहद ही खूबसूरत लग रहा है।ये देश के सबसे फेमस हिल स्टेशनों में से एक है।
वादियों का मनोरम नजारा
बर्फ पड़ने के बाद यहां की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है।
सैलानी यहां खूबसूरत वादियों का दीदार कर मंत्रमुग्ध हो जाता है।यहां की नैसर्गिक सुंदरता सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है। पर्यटक औली की कुदरती सुंदरता को नजदीक से निहारता है।
खुशी में झूमे पर्यटक
सर्दियों के मौसम में यहां पर खूब बर्फबारी होती हैं। चारों तरफ बर्फ की चादर बिछने के बाद यहां की सुंदरता दस गुना ज्यादा बढ़ जाती है। सैलानी यहां आकर जीवन की कसमकमस से दूर उन्मुक्त और मलंग हो जाता है। यहां पर्यटकों के चेहरों पर मुस्कान खिल जाती है। वे औली की फिजाओं का जमकर लुत्फ उठाते हैं।
औली की आर्टिफिशियल लेक
औली की आर्टिफिशियल लेक एक प्राचीन झील है, जो एक बहुत ही ऊंचाई पर स्थित है और दुनिया की सबसे ऊंची मानव निर्मित झीलों में से एक है। सरकार द्वारा यह झील कम बर्फबारी के महीनों में स्की ढलानों पर कृत्रिम बर्फ उपलब्ध कराने के लिए बनवाई गई है।
औली रोपवे
औली रोपवे औली का प्रमुख आकर्षण है जो भव्य और राजसी हिमालयी दृश्य प्रस्तुत करता है। गुलमर्ग के बाद एशिया का सबसे ऊंचा और सबसे लंबा औली रोपवे है।औली में 20 हजार फुट ऊंचे पहाड़ हैं जहां तक जाने के लिए रोपवे चलता है।
स्कीइंग का लुत्फ
अगर आपको बर्फ देखनी है और स्कीइंग का लुत्फ उठाना है तो आपको यहां सर्दियों में जरूर जाना चाहिए। औली में ढेर सारे पहाड़ हैं जहां सर्दियों में बेहद ऊंचाई वाली स्कीइंग करने का शानदार एक्सपीरिएंस मिलता है। यहां आप कई तरह की स्नो और एडवेंचर एक्टिविटीज का हिस्सा बन कर मजे कर सकते हैं।
ट्रेकिंग
औली में कुछ बेहतरीन ढलानें हैं जहां आप ट्रेक कर सकते हैं। लगभग 2500 से 3000 मीटर तक की चोटियाँ, औली में ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए अच्छे ट्रैकिंग मार्ग हैं। आप औली से नंदादेवी, कामेत, मन पर्वत, दुनागिरि, और जोशीमठ जैसे हिमालय की चोटियों तक जा सकते हैं। अन्य छोटी ट्रेकिंग रेंज गोर्सन, टाली, कुआरी पास, खुलारा और तपोवन हैं।
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