Waqf Law 2025: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून 2025 पर सुनवाई आज, याचिकाएं रद्द करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में आज बुधवार को वक्फ संशोधन कानून 2025 पर महत्वपूर्ण सुनवाई होने वाली है, जिसमें 20 से अधिक दर्ज याचिकाएं को रद्द करने की मांग की गई है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 16 April 2025, 7:39 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही है। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, पीवी संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले में 20 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई करेगी, जिनमें वक्फ संशोधन कानून की वैधानिकता को चुनौती दी गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार,  इन याचिकाओं में यह भी शामिल है कि कुछ याचिकाएं वक्फ के मूल कानून वक्फ एक्ट 1995 को ही रद्द करने की मांग कर रही हैं। कई याचिकाओं में कानून के विरोध में तर्क दिए गए हैं, जबकि कुछ याचिकाएं इसे समर्थन भी देती हैं। सुनवाई के दौरान कुछ याचिकाकर्ताओं ने कानून के अंतरिम रोक लगाने की मांग की है, जिससे यह मामला आगे बढ़ेगा।

केन्द्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाखिल की है, ताकि कोई भी अंतरिम आदेश एकतरफा न हो सके। सरकार ने इस ओर संकेत दिया है कि पहले उन्हें भी अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के विरोधियों में कई प्रमुख चेहरे शामिल हैं, जैसे कि ऑल इंडिया मजलिसे एत्याहादुल मुस्लमीन (एआइएमएएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड। इन नेताओं ने वक्फ संशोधन कानून 2025 का विरोध करते हुए इसे रद्द करने का प्रयास किया है।

वहीं, कुछ राज्यों की सरकारों, जैसे राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, असम, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, और छत्तीसगढ़ ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप करके वक्फ संशोधन कानून का समर्थन किया है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और पारुल खेड़ा ने यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि वक्फ कानून, विशेष रूप से हिंदुओं और गैर मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण मामलों में सुधार की दिशा में काम करे। इसके साथ ही, याचिकाओं में यह भी आरोप लगाया गया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 संविधान में दिए गए समानता के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन कर रहा है।

हालांकि, आज सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की इस अति महत्वपूर्ण सुनवाई पर टिकी हैं।

Published : 
  • 16 April 2025, 7:39 AM IST

No related posts found.