स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से ई-सिगरेट प्रतिबंध के उल्लंघनों के मामलों में मांगी ये खास जानकारी

डीएन ब्यूरो

केंद्र सरकार ने राज्यों से 2019 से प्रतिबंध के बावजूद ऑनलाइन खरीदारी वेबसाइटों और खुदरा दुकानों पर ई-सिगरेट की बिक्री के बारे में अपने पोर्टल पर सूचना देने को कहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

ई-सिगरेट ऑनलाइन खरीदारी
ई-सिगरेट ऑनलाइन खरीदारी


नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यों से 2019 से प्रतिबंध के बावजूद ऑनलाइन खरीदारी वेबसाइटों और खुदरा दुकानों पर ई-सिगरेट की बिक्री के बारे में अपने पोर्टल पर सूचना देने को कहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एक आधिकारिक सूत्र ने  बताया कि पोर्टल ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडबल्यू डॉट वायलेशन-रिपोर्टिंग डॉट इन’ से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचना का मिलान करने तथा उल्लंघनों पर त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

सूत्र ने बताया कि ऐसा लगता है कि मई में शुरू किए गए इस पोर्टल के बारे में जागरूकता का अभाव है। उन्होंने कहा कि कोई भी इस वेबसाइट पर इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (पेका) और सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम-2003 के उल्लंघनों की शिकायत दर्ज करा सकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को यह पत्र तब भेजा है जब उसी दिन केंद्र ने ई-सिगरेट बेच रहीं 15 वेबसाइट को नोटिस भेजकर उन्हें प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री और विज्ञापन पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।

अधिकारियों ने बताया कि छह और वेबसाइट भी कार्रवाई के दायरे में हैं। मंत्रालय सोशल मीडिया पर ई-सिगरेट के विज्ञापन और बिक्री पर भी करीबी नजर रख रहा है और जल्द ही वह उन्हें नोटिस जारी कर सकता है।

‘वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी भावना मुखोपाध्याय ने कहा कि ई-सिगरेट और ऐसे ही उत्पाद युवा पीढ़ी को निकोटिन की ओर आकर्षित करने वाले साबित हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह चिंता की बात है कि एक प्रतिबंधित उत्पाद इतनी आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुरू की गयी वेबसाइट इस प्रतिबंधित उत्पाद के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ ही पेका-2019 के विवरण भी देती है और इस हानिकारक उत्पाद को भारत में विपणन से रोकने के सरकार के मजबूत संकल्प को बढ़ावा देती है।’’

मुखोपाध्याय ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों को भी ई-सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए ऐसे ही कदम उठाने चाहिए।’’










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