स्वास्थ्य मंत्रालय: इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश दिए

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) ने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के खिलाफ गुर्दे के बदले नकदी घोटाले के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अपोलो अस्पताल के खिलाफ जांच
अपोलो अस्पताल के खिलाफ जांच


नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) ने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के खिलाफ गुर्दे के बदले नकदी घोटाले के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईएमसीएल) ने सोमवार को ‘‘गुर्दे के बदले नकद’’ गिरोह में शामिल होने के आरोप का खंडन करते हुए कहा था कि वह प्रत्यारोपण के लिए सरकारी दिशानिर्देशों सहित हर कानूनी और नैतिक जरूरत का पालन करता है।

एक आधिकारिक सूत्र ने मंगलवार को कहा, ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एनओटीटीओ ने एसओटीटीओ (राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) को मामले की जांच करने के लिए कहा है।’’

‘अपोलो हॉस्पिटल्स’ समूह के हिस्से के रूप में कार्यरत आईएमसीएल ने कहा कि हर विदेशी दाता को प्रत्यारोपण से पहले उनसे संबंधित विदेशी सरकार से इस बात का एक प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक है कि दाता और प्राप्तकर्ता वास्तव में संबंधित हैं।

कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आईएमसीएल प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं के लिए हर कानूनी और नैतिक आवश्यकता का अनुपालन करती है जिसमें सरकार द्वारा निर्धारित सभी दिशानिर्देशों के साथ-साथ हमारी अपनी व्यापक आंतरिक प्रक्रियाएं भी शामिल हैं।’’

प्रवक्ता ने एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि अस्पताल ‘गुर्दे के बदले नकद’ गिरोह में शामिल है और म्यांमार के गरीब लोगों को धनराशि के लिए अपने अंग बेचने का लालच दिया जा रहा है।

गुर्दा प्रत्यारोपण पर अस्पताल की प्रक्रिया के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि आईएमसीएल को प्रत्येक दानदाता से अपने देश में उचित मंत्रालय के दस्तखत वाला फॉर्म 21 उपलब्ध कराने की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह फॉर्म विदेशी सरकार से एक सत्यापन होता है कि दानदाता और प्राप्तकर्ता वास्तव में संबंधित हैं।’’

उन्होंने कहा कि आईएमसीएल में सरकार द्वारा नियुक्त प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति प्रत्येक मामले में दस्तावेजों की समीक्षा करती है और दानकर्ता तथा प्राप्तकर्ता से बातचीत करती है।

प्रवक्ता के अनुसार, आईएमसीएल देश के संबंधित दूतावास से दस्तावेजों को पुन: सत्यापित करती है। मरीजों और दानदाताओं की कई बार चिकित्सा जांच की जाती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘ये और कई अन्य कदमों की किसी प्रत्यारोपण प्रक्रिया के अनुपालन के लिए आवश्यकता होती है। आईएमसीएल नैतिकता के उच्चतम मानकों और सभी के लिए सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के अपने मिशन को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

दिल्ली में स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में 710 से अधिक बिस्तर उपलब्ध हैं।










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