एक नजर इधर भी... लावारिश बना लाखों का सुलभ शौचालय, नित्यक्रिया के लिए परेशान हो रहे लोग, जिम्मेदारों को खबर नही
सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का सपना साकार करने को जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। शहर अथवा गांव में स्वच्छता बरकरार रखने को सख्त फरमान जारी किया है, लेकिन गांव तो दूर शहर में ही योजना की हवा निकल गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर
महराजगंजः जिले के अफसरों के चहलकदमी के बीच में जिला मुख्यालय स्थित एआरटीओ कार्यालय के सामने और महिला थाने के बगल में सुलभ शौचालय वर्षों से बंद है। इसके फाटक टूट गए है। सीट उखड़ गए हैं। शौचालय में बने स्नानागार गंदगी से पटी है। जबकि एआरटीओ कार्यालय में हर रोज सैकड़ों लोग नित्यक्रिया के लिए परेशान होना आम बात हो गई है। शौचालय के ठीक बगल में महिला थाना भी हैै, जहां पर सैकड़ों फरियादी और उनके परिजन पहुंचते है। जरूरत पड़ने पर इधर-उधर झांकना पड़ता है। बावजूद इस ओर किस अधिकारी की नजर नही है।
पड़ताल में खुली पोल
डाइनामाइट न्यूज़ टीम ने मंगलवार को वर्षों से पड़े शौचालय की पड़ताल की। यह शौचालय जिला मुख्यालय स्थित एआरटीओ के ठीक सामने बना है। इसके पूरब तरफ महिला थाना बना है। वही दक्षिण तरफ जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का भी कार्यालय है। बताया जाता है यह जबसे बना है, तबसे लोगों को सेवा देने के लिए शुरू नहीं कराया गया। इसकी स्थिति बद से बदतर हो गई है।
रख-रखाव के अभाव में लाखों रूपये से बने यह शौचालय पूरी तरह से बेकार साबित हो रही है। इस संबंध में डूडा विभाग के अधिकारियों से बात की गई। उनका कहना है कि इस सुलभ शौचालय के संबंध में सटीक जानकारी कोई नही है। एक बाबू ने बताया कि इसका निर्माण 2017-2018 में कराया गया है, लेकिन किसे हैंडओवर किया गया है। इसके संबंध में कोई खास जानकारी नही है।
परेशान होते हैं, सैकड़ों लोग
एआरटीओ कार्यालय के सामने बना शुलभ शौचालय चालू न होने से सैकड़ों लोग हर रोज परेशान नजर आते है। एआरटीओ कार्यालय पर आए दिनेश, राहुल, हेमन्त और नरसिंह ने बताया कि यहां शौचालय न होने से परेशानी हो रही है। यह शौचालय गंदगी से पटा है। जिससे नित्यक्रिया से निपटने के लिए परेशानी हो रही है। यही बात जनार्दन, त्रियुगी, अभिषेक ने बताया कि इस शौचालय के शुरू होने से सुविधा मिलेगी, लेकिन अधिकारियों की इस ओर नजर नही है।