

हरियाणा की सियासत में एक बार फिर से उधेड़बुन शुरू हो गई है। मंगलवार को जैसे ही भाजपा सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया। उसके बाद से ही प्रदेश की सियासत में खींचतान शुरू हो गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा में सियासी उठापटक का दौर जारी है। बीते मंगलवार को भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी ने समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई।
इसी क्रम में जजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल को लिखा पत्र है। चौटाला ने राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है। दुष्यंत ने कहा कि हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दुष्यंत चौटाला ने पत्र में लिखा दो विधायकों की स्थिति के बाद सदन की संख्या 88 है। ऐसे में देखा जाए तो भाजपा के पास 40 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 30, जेजेपी के 10, हलोपा के पास एक और इनेलो के पास भी एक विधायक है। वहीं मौजूदा समय में निर्दलीय विधायकों की संख्या छह हैं।
इनमें तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से पत्र में मांग की है कि सरकार के पास विश्वास मत नहीं रहा। इसलिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और सरकार फ्लोर टेस्ट पास करे।