Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती पर महासंयोग, जानिए की पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष का हनुमान जन्मोत्सव त्योहार विशेष महत्व रखता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 April 2025, 11:12 AM IST
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नई दिल्ली: चैत्र पूर्णिमा के पावन अवसर पर 12 अप्रैल 2025 को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा । इस वर्ष का यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। जब चंद्रमा, शनि, सूर्य, बुध और शुक्र एक ही राशि में स्थित होंगे। जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, हनुमान जी का जन्म त्रेता युग में माता अंजनी की कोख से सूर्योदय के समय हुआ था। वायुपुत्र हनुमान को शक्ति, भक्ति और बुद्धि का अद्वितीय संगम माना जाता है। वे राम भक्ति के प्रतीक हैं और संकट मोचन के रूप में पूजे जाते हैं।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी की आराधना से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। इसी कारण इस दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ती है और सिंदूर-तेल से हनुमान जी का अभिषेक किया जाता है।

शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल, 2025 को प्रातः 03:21 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्ति: 13 अप्रैल, 2025 को प्रातः 05:51 बजे

पूजा के लिए विशेष शुभ समय

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:29 से 05:14 बजे
प्रातः संध्या: प्रातः 04:51 से 05:59 बजे
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:56 से 12:48 बजे
विजय मुहूर्त: अपराह्न 02:30 से 03:21 बजे
अमृत काल: दोपहर 11:23 से 01:11 बजे

पूजा विधि

प्रारंभिक तैयारी: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। मन को शांत और पवित्र रखें।
पूजा स्थल की तैयारी: एक छोटी चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें।
पूजन सामग्री: लाल फूल, सिंदूर, लाल वस्त्र, धूप-दीप, बेसन के लड्डू या बूंदी का प्रसाद, तेल और जल की व्यवस्था करें।
मंत्र जाप: 'ॐ हं हनुमते नमः' मंत्र का जाप करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
नैवेद्य अर्पण: हनुमान जी को बेसन के लड्डू या बूंदी का भोग लगाएं। सिंदूर-तेल का अभिषेक करें।
ग्रंथ पाठ: सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें। इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है।
आरती और प्रार्थना: "जय हनुमान ज्ञान गुण सागर" आरती का गायन करें और अपने कष्टों के निवारण हेतु प्रार्थना करें।
प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण करें।

कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें

हनुमान जयंती के दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे अनावश्यक यात्राओं से बचना, क्रोध और वाद-विवाद से दूर रहना, और आलस्य का त्याग करना। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति का विशेष अवसर है।