ज्ञानवापी केसः श्रृंगार गौरी मामले की वादी राखी सिंह ने राष्ट्रपति से मांगी 'इच्छामृत्यु', चिट्ठी में साथियों पर लगाए गंभीर आरोप,जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग करने वाली मुख्य वादियों में से एक राखी सिंह ने इस मामले के अन्य वादियों पर दुष्प्रचार और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिख कर इच्छा मृत्यु की मांग की है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

ज्ञानवापी केस
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वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग करने वाली मुख्य वादियों में से एक राखी सिंह ने इस मामले के अन्य वादियों पर दुष्प्रचार और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिख कर इच्छा मृत्यु की मांग की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राखी सिंह ने कहा कि इस मामले से उनकी ओर से नाम वापस लेने के दावे झूठे हैं।

वहीं, अन्य हिन्दू महिला वादियों के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने राखी सिंह के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसे खारिज किया है।

राखी सिंह ने अपने पत्र में आरोप लगाया है, ' इस मुकदमे में मेरी अन्य चार महिला साथियों लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा मई 2021 से मेरे और मेरे चाचा- चाची (जितेन्द्र सिंह विसेन एवं किरन सिंह) के खिलाफ दुष्प्रचार कर हमें बदनाम करने का कार्य किया जा रहा है। उनके इस कृत्य में शासन- प्रशासन के भी कई लोग शामिल हैं।'

उन्होंने पत्र में लिखा कि, 'मई 2022 में इन लोगों द्वारा एक झूठा प्रचार पूरे देश में किया गया कि राखी सिंह मुकदमा वापस ले रही हैं जबकि ना तो मेरी तरफ से कोई ऐसा बयान दिया गया और ना ही उक्त मुकदमे में मेरी तरफ से पैरोकार मेरे चाचा जितेन्द्र सिंह विसेन ने मेरी तरफ से कोई सूचना जारी की।

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राखी सिंह ने लिखा है कि इन लोगों द्वारा आये दिन उनके परिवार पर आरोप लगाये जातें हैं और उनके परिवार को हिन्दू समाज़ में गद्दार घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने आगे लिखा कि सहन करने की सारी सीमा समाप्त तब हो गई जब उपरोक्त चार महिलाओं ने उपरोक्त मुकदमें को ‘बिगाड़’ दिया जिसके कारण ज्ञानवापी परिसर में पूजा के लिए हमारे प्रयास बेकार हो गये।

राखी सिंह ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है जिससे वह चिर निद्रा में सोकर परम शान्ति को प्राप्त कर सकें।

राखी सिंह ने अपने पत्र में राष्ट्रपति से 9 जून की सुबह नौ बजे तक उत्तर की प्रतीक्षा करने की बात कही है।

राखी सिंह ने पत्र में लिखा कि यदि कोई आदेश नहीं आया तो उसके बाद जो भी निर्णय होगा, वह उनका स्वयं का होगा।

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वहीं, इस मामले में हिन्दू महिला वादियों के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने राखी सिंह के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राखी सिंह के सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

जैन ने कहा, “हम उनके बेबुनियाद आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया देकर अपना समय और ऊर्जा बर्बाद नहीं करना चाहते।”

राखी सिंह ने चार अन्य हिंदू महिलाओं के साथ मिलकर अगस्त, 2021 में वाराणसी की अदालत में यह मामला दायर किया था जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की गई है। इस मामले में वाराणसी की जिला अदालत में सुनवाई की जा रही है।

पिछले सप्ताह राखी सिंह के चाचा जितेन्द्र सिंह विसेन ने घोषणा की थी कि संसाधनों की कमी और उत्पीड़न की वजह से वह और उनका परिवार ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलों से खुद को अलग कर रहे हैं।










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