Green Hydrogen Mission: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के बारे में जानें खास बातें, विशेषज्ञों ने बताये ये फायदे

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन देश में शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक ‘महत्वपूर्ण कदम’ है और यह स्वच्छ ऊर्जा स्रोत वाले ईंधन की लागत को कम करने में मददगार होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अलावा यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लाखों रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 17 January 2023, 4:29 PM IST
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन देश में शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक ‘महत्वपूर्ण कदम’ है और यह स्वच्छ ऊर्जा स्रोत वाले ईंधन की लागत को कम करने में मददगार होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अलावा यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लाखों रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार जनवरी को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण और स्वच्छ ऊर्जा का केन्द्र बनाना है।

इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2030 तक, देश में लगभग 1,25,000 मेगावॉट की संबद्ध अक्षय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 50 लाख टन की उत्पादन क्षमता का विकास भी है।

रिन्यू पावर के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुमंत सिन्हा ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि मांग, सहायता और साझेदारी पर जोर देने से देश में हरित हाइड्रोजन उद्योग शुरू होगा और भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग, देश के स्वच्छ ऊर्जा बदलाव का समर्थन करने के लिए तैयार है।’’

उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष की भी भूमिका निभा रहे सिन्हा ने कहा कि हाइड्रोजन मिशन भारत को शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने में मददगार होगा।

गोल्डी सोलर के प्रबंध निदेशक, ईश्वर ढोलकिया ने कहा कि हाइड्रोजन मिशन नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लाखों रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ-साथ उत्पादन, उपयोग और निर्यात की सुविधा प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि यह प्रोत्साहन, हाइड्रोजन उत्पादन के लिये जरूरी इलेक्ट्रोलाइजर और संबंधित कच्चे माल की लागत को कम करने में मदद करेगा, जिससे स्थानीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।

रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड के कंपनी रेटिंग्स विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख - गिरीशकुमार कदम ने कहा कि इलेक्ट्रोलाइजर के उपयोग के स्तर में सुधार के लिए प्रतिस्पर्धी दरों पर अक्षय ऊर्जा की चौबीसों घंटे खरीद बेहद महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोलाइजर के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने या बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित पीएलआई (उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन) योजना का समय पर कार्यान्वयन महत्वपूर्ण होगा।

सरकारी स्वामित्व वाली एनएचपीसी के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अभय कुमार सिंह ने कहा कि मौजूदा वक्त में प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन की कीमत लगभग तीन डॉलर है। सरकार के महत्वाकांक्षी मिशन से, आने वाले समय में यह कीमत आधे से भी कम रह जाएगी।

सिंह ने कहा कि यह मिशन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करेगा।

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