गोरखपुर: लेखपाल व कानूनगो की कार्य प्रणाली से आक्रोशित ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

डीएन ब्यूरो

गोरखपुर के धुरियापार प्रकरण को लेकर गोला तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत धुरियापार के ग्रामीणों में आक्रोश है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

लेखपाल व कानूनगो की कार्य प्रणाली पर ग्रामीणों में आक्रोश
लेखपाल व कानूनगो की कार्य प्रणाली पर ग्रामीणों में आक्रोश


गोरखपुर: गोला तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत धुरियापार के ग्रामीणों ने अपने हलके के लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक की कार्य प्रणाली के खिलाफ शुक्रवार को श्री चतुर्भुजी नाथ मंदिर धुरियापार पर प्रदर्शन किया। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि प्रापर्टी डीलर के प्रभाव में राजस्व निरीक्षक एवं लेखपाल ने पैमाइश की फर्जी रिपोर्ट बनायी है। ग्रामीणों ने उपरोक्त फर्जी रिपोर्ट बनाने वालों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है।       

जानकारी के अनुसार धुरियापार में स्थित ऐतिहासिक चतुर्भुजी नाथ मंदिर वर्तमान में अतिक्रमण का शिकार है। वर्ष 1987 में उक्त मंदिर में स्थित चतुर्भुजी नाथ की ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक मूर्ति की चोरी हो जाने पर यह मंदिर सुर्खियों में आया था। 

ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर के अगल-बगल की भूमि जो मंदिर के खाते में दर्ज है तथा कुछ सरकारी जमीन भी है उसको कुछ प्रॉपर्टी डीलर अवैध तरीके से अपने प्रभाव एवं धनबल के सहारे जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं । 

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जानकारी के मुताबिक 2/9/2024 को ग्राम प्रधान आफरीन शाही के पैड पर ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त एक प्रार्थना पत्र अपर आयुक्त प्रशासन गोरखपुर मंडल गोरखपुर को ग्रामीणों ने सौंपा। 

अपर आयुक्त प्रशासन गोरखपुर ने प्रकरण की स्थलीय/ अभिलेखिय जांच कराकर निस्तारण करने के लिए उप जिलाधिकारी गोला को निर्देशित किया। 

जिस क्रम में राजस्व कर्मियों की एक टीम ने पुलिस अभिरक्षा में 14 नवंबर को आबादी डीह भूमि में स्थित मंदिर के जमीन का पैमाईश किया। जिसका स्पाट मेमो तैयार कर लेखपाल द्वारा ग्रामीणों से हस्ताक्षर कराया गया। जिसमें ग्राम वासियों की मौजूदगी में राजस्व कर्मियों द्वारा बताया गया कि मंदिर की चहारदीवारी से पूर्व 8 फीट 12 कड़ी मंदिर की भूमि है।

जिसका मौके पर मौजूद कई ग्रामीणों ने वीडियो भी बनाया है। परंतु अवैध कब्जेदार द्वारा भूमि खाली न करने के कारण कोई सहमति नहीं बन पाई थी। परंतु लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में मंदिर के अतिक्रमण की पैमाईश की कहीं चर्चा तक नहीं की गई है। 

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रिपोर्ट में प्रॉपर्टी डीलर बिस्मिल्लाह के प्रार्थना पत्र पर कोई तारीख तक नहीं लिखा गया है कि कब का प्रार्थना पत्र दिया गया है। प्रॉपर्टी डीलर के उक्त प्रार्थना पत्र पर पैमाइश किए जाने की बात लिखी गई है। जिसमें मंदिर के चहार दिवारी के बाद 8  फीट 12 कड़ी के स्थान पर मात्र  8 फीट जमीन दिखाकर मंदिर के जमीन में 12 फीट रास्ता निकाल दिया गया है और ग्रामीणों के स्पाट मेमो को आम सहमति दिखा दी गयी है।

राजस्व निरीक्षक रमेश पांडे ने बताया कि उक्त पैमाइश हाफिज बिस्मिल्लाह पुत्र सदरूद्दीन निवासी समय भीटी, तप्पा खुटहन तहसील गोला के प्रार्थना पत्र पर हुई है।

राजस्व निरीक्षक ने कहा कि प्रधान झूठ बोल रहे हैं उन्होंने किसी को कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया है।










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