IAS Jitendra Narayan: गैंगरेप के आरोपी पूर्व मुख्य सचिव जितेन्द्र नारायण को लेकर बड़ा खुलासा, इस तरह मिटाये सबूत

डीएन ब्यूरो

युवती से सामूहिक दुष्कर्म के संबंध में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण के खिलाफ दायर अरोपपत्र में बड़ा खुलासा किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

निलंबित आईएएस जितेंद्र नारायण  (फाइल फोटो )
निलंबित आईएएस जितेंद्र नारायण (फाइल फोटो )


पोर्ट ब्लेयर: विशेष जांच दल ने 21 वर्षीय युवती से सामूहिक दुष्कर्म के संबंध में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण के खिलाफ दायर अरोपपत्र में खुलासा किया है कि उन्होंने अपने आधिकारिक आवास में पिछले साल युवती की उपस्थिति के सबूत नष्ट करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।

पूर्व मुख्य सचिव के निजी सहायक रहे बी सोनी से पूछताछ में पता चला कि आरोपी जितेंद्र ने सोनी को कुछ मौखिक संदेश (वॉयस नोट) व्हाट्सएप के जरिये दिये थे, जिन्हें सबूत नष्ट करने से संबंधित मामले में अहम सबूत पाया गया खासकर नारायण के आधिकारिक आवास के डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) को हटाना।

आरोपपत्र में डीवीआर को हटाने का भी उल्लेख है जिसे पोर्ट ब्लेयर स्थित नारायण के सरकारी बंगले में लगाया गया था। इसके अलावा एनवीआर की ‘4टीबी हार्ड डिस्क ड्राइव’ को निजी एयरलाइन के जरिये 25 जुलाई, 2022 को ‘दिल्ली’ भेजा गया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सोनी के मोबाइल फोन को जब्त करके उसे सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (सीएफएसएल) में जांच और डाटा एकत्र करने के लिए भेज गया है। बाद में नारायण और सोनी के बीच 'चैट' से पता चला कि उसने ‘‘4टीबी हार्ड डिस्क ड्राइव’’ को निजी एयरलाइन से दिल्ली भेजा।

नारायण और सोनी के बीच हुए चैट में लिखा गया, ‘‘जीएम सर आज आठ बक्से एआई 486 द्वारा।’’ इसके जवाब में नारायण ने उत्तर दिया, ‘‘ओके कीमत।’’

नारायण को सोनी जवाब देता है, ‘‘ रुपये 4757, 135 केजी आईई प्रति किलो 35.24 रुपये।’’ इस वार्तालाप के बाद मिस्ड वाइस कॉल थी।

सोनी फिर से लिखता है, ‘‘सर गैजेट्स कारगो में नहीं जा सका।’’ इसके जवाब में नारायण जवाब देता है-‘‘वायर्स।’’

इसके जवाब में नारायण पांच मौखिक निर्देश सोनी को व्हाट्सएप पर देता है और फिर लिखित संदेश देता है कि, ‘‘कृपया जांच लें।’’

इस पर सोनी जवाब देता है, ‘‘सर मैं जांच करके जवाब दूंगा।’’ सोनी की ओर से नारायण को भेजा गया अंतिम नोट पीडीएफ फाइल के रूप में है जिस पर लिखा है, ‘‘प्रेषित-कार्गो बिल एआई 486 पीबी डेल 25-07-22।’’

पीड़ित की ओर से महिला अधिवक्ता फटिक चंद्र दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पूर्व सचिव जितेंद्र नारायण के मामले के संबंध में पुलिस ने अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया है जिसे मैंने पीड़ित की अधिवक्ता के रूप में देखा है और मैंने एसआईटी की विस्तृत रिपोर्ट देखी है।’’

आरोपपत्र की प्रति से भी खुलासा होता है कि तबादला पत्र पाने के बाद 27 जुलाई, 2022 को दिल्ली रवाना होने से पहले नारायण ने सीसीटीवी तकनीशियन सवाब हुसैन को अपने आवास पर बुलाया और उसको हार्ड डिस्क के डाटा मिटाने के लिए कहा।

आरोपपत्र में कहा गया है कि, ‘‘इस पर हुसैन ने उनसे कहा कि डाटा डिलीट करने में काफी समय लेगा। इस पर नारायण ने उससे कहा कि वह एनवीआर से हार्ड डिस्क निकाल दे। इस पर हुसैन ने 4 टीबी हार्ड डिस्क को निकालकर 23 जुलाई, 2022 को नारायण को सौंप दिया।’’

दस्तावेज में लिखा है कि, ‘‘मार्च 2022 में एक दिन पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र ने आर एल ऋषि (निलंबित श्रम आयुक्त और इस मामले में एक आरोपी) को ह्वाट्सएप पर वीओआईपी कॉल के जरिये कहा कि वह उनके बंगले पर ‘एक लड़की लाएं’। इसके बाद ऋषि ने पोर्ट ब्लेयर के कारोबारी संदीप सिंह उर्फ रिंकू से संपर्क किया जो इस मामले में एक आरोपी है। ऋषि ने रिंकू को पीड़ित को नारायण के निर्देश को पूरा करने के लिए राजी करने को कहा।’’

पुलिस ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में दखिल आरोपपत्र 90 गवाहों के बयानों, फॉरेंसिक साइंस की रिपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक सबूत पर आधारित है।

एसआईटी उन आरोपों की जांच कर रही है जिसमें कहा गया है कि 21 वर्षीय युवती को सरकारी नौकरी का झांसा देकर पूर्व मुख्य सचिव के आवास पर ले जाया गया और वहां नारायण सहित कई लोगों ने कथित तौर पर उससे बलात्कार किया।

नारायण को पिछले साल 10 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।










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