

28 सितंबर को महराजगंज में हुए बस स्टेशन कांड में 3 तीन बाद युवक की लाश मिलने से सनसनी मच गई है। तीन बाद लाश मिलने से प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर समय पर मलबा हटा दिया गया होता क्या युवक की जान नहीं बच पाती? पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..
महराजगंजः महराजगंज जिला प्रशासन की बड़ी नाकामी सामने आई है। गिट्टी के नीचे 3 दिनों तक लाश सड़ती रही पर प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। शनिवार को गिट्टी लदा ट्रक पलट जाने के बाद एडीएम कुंज बिहारी लाल अग्रवाल ने मीडिया को आश्वस्त किया था कि इस दुर्घटना में कोई भी जनहानि नहीं हुई है। पर घटना के 3 दिन बाद गिट्टी के मलबे के नीचे लाश मिलने से जिले में सनसनी फैल गई, और जिम्मेदार अपने कानों में तेल डाले सो रहे हैं।
तीन दिन पहले घटना के बाद ADM कुंज बिहारी लाल अग्रवाल ने मीडिया के सामने बड़ी ही आसानी से झूठ बोलते हुए ये कहा था कि इसमें किसी तरह की कोई हताहत नहीं हुई है। आज बेकसूर की लाश मिलने के बाद लोगों में भयंकर गुस्सा है। लोगों का कहना है कि अगर हादसे वाले दिन ही मलबा हटा दिया जाता तो युवक की जान बच जाती। अफ़सरों की भयानक लापरवाही के ख़िलाफ़ न्यायिक जाँच की माँग की जा रही है। इसमें कुंज बिहारी का शर्मनाक चेहरा सामने आया है, जो मीडिया से बातचीत करते हुए मुस्कुरा रहे थे।
बता दें कि घटनास्थल पर अगल-बगल गिट्टी से बदबू आने और कुत्तों के मंडराने पर लोगों ने पुलिस को सूचित किया। रात करीब 12:00 बजे मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने गिट्टी हटवाया तो उसके नीचे से एक अज्ञात व्यक्ति की लाश निकली। जो घटना के दिन ही ट्रक और गिट्टी के नीचे दबकर मर चुका था। लाश की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है।
ऐसे में अब बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर उस गरीब युवक की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या समय से गिट्टी हटा दी जाती तो युवक की जान बच जाती। यहां पर प्रशासन की सबसे बड़ी बेशर्मी देखने को मिली है, जो घटना के बाद भी मुस्कुरा रहे हैं। जो की बहुत ही शर्मनाक है। अभी तक क्यों नहीं हुआ जिम्मेदारों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज? राहत कार्य में लापरवाही बरतने वाले ADM को क्या है संवेदनशील पद पर बने रहने का अधिकार? इस घटना में बड़ा सवाल ये है कि क्या डीएम अमरनाथ उपाध्याय अपने चहेते ADM की भयानक लापरवाही की कराएँगे जाँच? या फिर हर मामले की तरह इस मामले की भी डीएम करेंगे लीपा-पोती।