फतेहपुर: बृजेश की मौत में सामने आये कई चौंकाने वाले तथ्य, ग्रउंड जीरो से डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

डीएन संवाददाता

डाइनामाइट न्यूज़ टीम युवा बृजेश की संदिग्ध मौत के मामले की गहन पड़ताल के उद्देश्य से आज जब शहजादेपुर गांव पहुंची तो इस घटना में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये, पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ खड़े हुए है। पढ़ें Exclusive रिपोर्ट..



फतेहपुर: दो माह पहले हुई बृजेश की संदिग्ध मौत का रहस्य अब भी गहराया हुआ है और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाये जा रहे है, जो जायज भी। पुलिस इस मामले में क्यों शिथिलता बरत रही है, यह सबके समझ से बाहर है।

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डाइनामाइट न्यूज़ टीम इस मामले की गहन पड़ताल के उद्देश्य से आज जब शहजादेपुर गांव गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। मौत के चंद घंटों पहले बृजेश के साथ एक आरोपी उमेश लोधी को एक किराने की दुकान पर देखा गया था। दुकान के मालिक रामनरेश ने बताया कि 30 नवंबर की शाम साढ़े छः बजे आखिरी बार बृजेश और उमेश को एक साथ देखा था, उसके बाद फिर वो लोग नहीं दिखाई दिये और दो-तीन दिन बाद उन्हें बृजेश की संदिग्ध मौत के बारे में मालूम पड़ा। 

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डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते हुऐ बृजेश के रिश्तेदार रामचंद्र ने बताया कि उन्होंने ने भी साढ़े छः बजे के आस पास उसे देखा था। उन्होंने बताया कि बृजेश और उमेश शराब के नशे में थे और दोनों में झड़प भी हुई थी। उसके बाद कभी भी बृजेश नहीं दिखाई दिया। उन्होंने दूसरे दिन उमेश को देखा और उससे पूछा कि वह रातभर कहां था? इस सवाल के जबाव में उमेश ने कहा कि वह पैंट लेने के लिए कानपुर गया हुआ था। 
डाइनामाइट न्यूज़ जब शहजादेपुर में उमेश लोधी के घर गया तो उसके घर में ताला लगा था। गांव के लोगों ने और बृजेश के भाई दिनेश ने बताया कि जब वो पोस्टमार्टम हाऊस गया था, तो उमेश वहां था लेकिन उसके बाद अब तक वह दिखाई नहीं पड़ा।

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18 जनवरी को एफआईआर दर्ज होने के बाद 19 तारीख को जीआरपी विवेचना के लिए शहजादेपुर आई थी, तभी उमेश की पत्नी ताला लगाकर चली गई। तबसे उमेश के घर पर ताला लगा हुआ है। मामले के आरोपी उमेश की माँ ने कहा कि उनका बेटा कहां रहता है, क्या करता है..इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सूत्रों की मानें तो उमेश पुलिस की डर की वजह से अपने ससुराल में है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि दो महीनों के बाद भी आखिर पुलिस इस मामले की गुत्थी क्यों नहीं सुलझा रही है। इस कोताही को लेकर पुलिस पर भी कई सवाल उठते हैं। 
 










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