भारत में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग पर नजर : जेएलआर इंडिया

डीएन ब्यूरो

जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) भारत में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग पर बारीकी से नजर रख रही है और उभरते परिदृश्य के आधार पर वह देश में और मॉडल उतारने की रणनीति बनाएगी। जगुआर लैंड रोवर इंडिया के प्रबंध निदेशक राजन अंबा ने यह बात कही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जगुआर लैंड रोवर
जगुआर लैंड रोवर


नयी दिल्ली: जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) भारत में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग पर बारीकी से नजर रख रही है और उभरते परिदृश्य के आधार पर वह देश में और मॉडल उतारने की रणनीति बनाएगी। जगुआर लैंड रोवर इंडिया के प्रबंध निदेशक राजन अंबा ने यह बात कही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अंबा ने कहा कि कई कारकों की वजह से घरेलू बाजार अपनी मांग को लेकर ‘विशिष्ट’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस वजह से बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) की मांग पर हमारी नजदीकी नजर है। लक्जरी वाहन वाले उपभोक्ता अपनी पसंद और नयी प्रौद्योगिकी को अपनाने के मामले में काफी समझ दिखा रहे हैं। ऐसे में हम उनके लिए कुछ खास वाहन देना चाहते हैं, जो उनकी आकांक्षाओं पर खरे उतरते हों।’’

कंपनी फिलहाल देश में सिर्फ एक बिजलीचालित मॉडल ‘जगुआर आई-पेस’ बेचती है।

हालांकि, वैश्विक स्तर पर जेएलआर इस साल के अंत तक नई रेंज रोवर बीईवी के लिए बुकिंग शुरू करेगी, जो मौजूदा मॉड्यूलर लॉन्गिट्यूडिनल आर्किटेक्चर (एमएलए) की सफलता पर आधारित है। अंबा ने कहा कि एमएलए मंच कंपनी को विभिन्न बाजारों की मांग को पूरा करने के लिए आईसीई, हाइब्रिड और बीईवी रेंज रोवर्स का उत्पादन करने की सुविधा देता है।

उन्होंने कहा कि भारत में बिजलीचालित वाहनों की मांग और रुझान के आधार पर हम देश में ईवी को उतारने की रणनीति बनाएंगे।

टाटा मोटर्स की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी जेएलआर आगामी वर्षों में खुद को आधुनिक लक्जरी वाहन कारोबार में बदलना चाहती है। कंपनी ने 2039 तक शून्य कॉर्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।

बिक्री के बारे में पूछे जाने पर अंबा ने कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में अपनी वृद्धि की संभावनाओं को लेकर आशान्वित है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन दर्ज किया है।

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी की बिक्री बढ़कर 1,048 इकाई पर पहुंच गई है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 102 प्रतिशत अधिक है।

 










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