महामारी के बीच ईएसजी केंद्रित घरेलू कंपनियों का प्रदर्शन वैश्विक फर्मों से बेहतर रहा
महामारी के झटकों के बीच भी भारत की सक्रिय ईएसजी (पर्यावरणीय, सामाजिक और कामकाज के संचालन) रूपरेखा वाली बड़ी सूचीबद्ध घरेलू कंपनियों का प्रदर्शन वैश्विक फर्मों की तुलना में बेहतर रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: महामारी के झटकों के बीच भी भारत की सक्रिय ईएसजी (पर्यावरणीय, सामाजिक और कामकाज के संचालन) रूपरेखा वाली बड़ी सूचीबद्ध घरेलू कंपनियों का प्रदर्शन वैश्विक फर्मों की तुलना में बेहतर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।
इस तरह की रूपरेखा या ढांचे वाली 18 अर्थव्यवस्थाओं पर किए गए आरबीआई के अध्ययन से संकेत मिलता है कि निवेशकों ने जलवायु के मोर्चे पर काम करने वाली और समाज के प्रति जवाबदेह कंपनियों में रुचि दिखाई है।
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यह विश्लेषण 10 उभरते देशों- ब्राजील, चीन, भारत, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, रूस, दक्षिण अफ्रीका, ताइवान और थाइलैंड व आठ विकसित अर्थव्यवस्थाओं- ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, हांगकांग, जापान, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और अमेरिका पर आधारित है।
मॉर्गन स्टेनले कैपिटल इंटरनेशनल (एमएससीआई) में ईएसजी के सूचकांकों पर आधारित ईएसजी शोध रिजर्व बैंक के फरवरी बुलेटिन में प्रकाशित हुआ है।
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शोध में बताया गया कि ईएसजी अगुवा सूचकांक ने अधिकांश देशों के व्यापक सूचकांकों को पीछे छोड़ दिया है। अध्ययन में कहा गया है कि जिन कंपनियों ने अपने ईएसजी जोखिमों का बेहतर तरीके से प्रबंधन और खुलासा किया है उनके शेयर के भाव ऊंचे हैं।
ईएसजी अगुवा सूचकांक में चीन और ताइवान को छोड़कर भारत अन्य देशों से आगे हैं। हालांकि, बाजार में कम उतार-चढ़ाव के मामले में भारत शीर्ष पर है। इसमें कहा गया है कि महामारी के झटकों के बीच औसत उतार-चढ़ाव 86 प्रतिशत रहा है जबकि भारत के मामले में यह सिर्फ 74 प्रतिशत है।