Uttar Pradesh: यूपी की चीनी मिलों के घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की संपत्ति जब्त

ईडी ने बसपा सरकार में हुए करोड़ों के चीनी मिल घोटाले में करोड़ों रुपये की संपति जब्त की है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 28 February 2025, 2:14 PM IST
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लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बसपा सरकार में हुए करीब 1100 करोड़ के बहुचर्चित चीनी मिल घोटाले में 995.75 करोड़ रुपये की संपति जब्त की है। इन संपत्तियों में तीन बंद चीनी मिलों के भूखंड, भवन और मशीनें शामिल हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बैतालपुर, भटनी और शाहगंज में स्थित ये मिलें मेसर्स मैलो इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स डायनेमिक शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स हनीवेल शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड हैं। इनका नियंत्रण पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के पास है।

जानकारी के अनुसार बसपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2010-11 में 21 चीनी मिलों को औने-पौने दामों में बेचा गया था। इन चीनी मिलों में चीनी निगम की 10 संचालित व 11 बंद पड़ी मिलें शामिल थीं। सीएम योगी ने 2018 में घोटाले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद ईडी ने भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इसकी जांच शुरू कर दी थी।

ईडी की जांच में सामने आया है कि मोहम्मद इकबाल और उनके सहयोगियों ने भ्रष्टाचार कर कई चीनी मिलों का अधिग्रहण किया था। जांच में विनिवेश प्रक्रिया में बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसमें परिसंपत्तियों का कम मूल्यांकन और गैर-प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया शामिल है।
ईडी ने जांच में पाया कि चीनी मिलों का अधिग्रहण बाजार मूल्य से काफी कम कीमतों पर किया गया था।

मोहम्मद इकबाल ने विभिन्न शेल संस्थाओं के माध्यम से चीनी मिलों के लिए धनराशि एकत्र की थी। मेसर्स मैलो इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स डायनेमिक शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स हनीवेल शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड की शेयरधारिता को स्थानांतरित कर पूर्व एमएलसी और उनके करीबियों को लाभ पहुंचाया गया था।

बता दें बसपा सरकार के दौरान यूपी में 21 सरकारी चीनी मिलों को बेचा गया था। इसमें से 7 चीनी मिलों को तत्कालीन बसपा एमएलसी मोहम्मद इकबाल से जुड़ी कंपनियों ने खरीदा था।

यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद से राज्य चीनी निगम लिमिटेड ने 2017 में इस मामले में लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई थी। करीब 6 महीने बाद योगी सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी थी। जानकारी के अनुसार मोहम्मद इकबाल इस समय फरार चल रहा है और दुबई में है। इससे पहले भी उसकी हजारों करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं।