देश में लगातार हो रही अनियमित बारिश से बढ़ रहा भविष्य में मंहगाई का खतरा, पढ़ें जरूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के आर्थिक अनुसंधान विभाग ने कहा कि देश में अनियमित बारिश के कारण इस साल खरीफ की बुवाई कम होने का अनुमान है और इस वजह से निकट भविष्य में मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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कोलकाता: बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के आर्थिक अनुसंधान विभाग ने कहा कि देश में अनियमित बारिश के कारण इस साल खरीफ की बुवाई कम होने का अनुमान है और इस वजह से निकट भविष्य में मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।

विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया कि 30 जुलाई तक बारिश लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से छह फीसदी अधिक रही है। हालांकि, पूर्वी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कम बारिश हुई, जबकि उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में अधिक बारिश दर्ज की गई।

इसके चलते इस साल खरीफ की बुवाई कम हुई है और दालों की बुवाई पिछले साल की तुलना में बहुत कम है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ''निकट भविष्य में मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, क्योंकि आईएमडी का अनुमान है कि मानसून अवधि के बीच में अल-नीनो की स्थिति विकसित होगी।''

खरीफ की बुवाई जून से अक्टूबर के अंत तक चलती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, देश में खुदरा मुद्रास्फीति दर जून महीने में बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि थोक मुद्रास्फीति 4.12 प्रतिशत है।

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।

द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के लिये आरबीआई गवर्नर की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक आठ से 10 अगस्त को होगी। मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा 10 अगस्त को होगी।










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