DN Exclusive: दवा माफियाओं के हौसले बुलंद, सिसवा में फेंकी गयीं दो ट्रक नकली दवायें, 686 करोड़ के नकली दवा मामले में अफसरों की भारी लापरवाही उजागर

शिवेंद्र चतुर्वेदी

686 करोड़ के नकली दवा मामले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की भयानक नाकामी उजागर हुई है। जांच जारी होने के बावजूद दवा माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। बेखौफ दवा माफियाओं ने पुलिस की नाक के नीचे जांच एजेंसियों को चुनौती देते हुए दो ट्रक नकली दवायें कूड़े की भांति फिंकवा डाली ताकि ये नकली दवायें गोदामों से पकड़ी न जा सके। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:



सिसवा बाजार (महराजगंज): कोठीभार थाने के समीप नहर रोड पर लगभग 2 ट्रक नकली दवा फेंकी गयी है, जब इसकी खेप स्थानीय लोगों ने देखी तो चारों और हड़कंप मच गया, लोग सवाल पूछने लगे जब मुकदमा पंजीकृत है और पुलिसिया विवेचना जारी है तो भी कैसे 686 करोड़ की नकली दवाओं के सरगनाओं ने इतनी हिम्मत जुटा ली कि वे सरेआम पुलिस की नाक के नीचे इतनी बड़ी मात्रा में दवा फेंक डाली।

दवा माफियाओं के हौसले बुलंद, जांच एजेंसियों को खुली चुनौती

हैरान करने वाली बात यह है कि दवा थाने के पीछे नहर पर फेंकी गयी है। इससे  चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि कहीं साक्ष्य मिटाने के इस खेल के पीछे कहीं अफसरों की शह तो नहीं?

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दवा फेंके जाने की सूचना के बाद मुकामी पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की कार्यवाही की। 

जानकारी के बाद जांच दल मौक पर 

दवा कब, किसने और क्यों फेंकी, यह तो जांच का विषय है लेकिन जब जांच करने वाले अफसरों पर ही अंगुलियां उठे, तब मामला निष्पक्ष तरीके से खुल पायेगा यह बड़ा सवाल बन जाता है।

नकली दवाओं की भारी खेप फेंकी गयी कूड़े की तरह

लोगों को कहना है कि उन्हें स्थानीय पुलिस की विवेचना और स्वास्थ्य विभाग पर भरोसा नहीं है इसलिए लोगों की जान से खिलवाड़ करने के इस बेहद संगीन मामले की जांच यूपी की किसी बड़ी जांच एजेंसी से करायी जानी चाहिये ताकि दवा माफियाओं की गर्दन को मरोड़ा जा सके।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक 4 अगस्त को ठूठीबारी इलाके से 686 करोड़ की नकली दवाओं की खेप बरामद हुई थी, इसके बाद 11 अगस्त को सिसवा के तीन दवा की दुकानों पर दिखावटी छापेमारी की गयी। इसके बाद सिसवा में ही दो ट्रक दवाओं को फेंका जाना कई नये सवालों को जन्म दे रहा है। 

 










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