तमिलनाडु के मंत्री बालाजी की गिरफ्तारी पर द्रमुक नीत गठबंधन ने भाजपा पर साधा निशाना
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
चेन्नई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
बालाजी तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन नीत सरकार में केंद्रीय एजेंसी की इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं।
सूत्रों ने बताया कि काफी देर तक पूछताछ करने के बाद बालाजी (47) को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले असहज महसूस करने के बाद बालाजी को बुधवार सुबह शहर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में बालाजी का ‘कोरोनरी एंजियोग्राम’ किया गया। चिकित्सकों ने उन्हें ‘‘जल्द से जल्द’’ बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी है।
उन्हें एक विशेष अदालत में पेश किया जा सकता है, जहां एजेंसी उनकी हिरासत का अनुरोध करेगी। वहीं, मद्रास उच्च न्यायालय में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है, जिसमें उन्हें अदालत में पेश करने की मांग की गई।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने बुधवार को ओमंदुरार एस्टेट में तमिलनाडु गवर्नमेंट मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बालाजी से मुलाकात की। इससे पहले मंगलवार को बालाजी के खिलाफ ईडी द्वारा की गई छापेमारी को उन्होंने ‘‘डराने-धमकाने की राजनीति’’ करार दिया था।
स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बुधवार को निशाना साधा और कहा कि उनके मंत्री व उनकी पार्टी इस मामले का सामना कानूनी रूप से करने को तैयार हैं।
स्टालिन ने पूछताछ के नाम पर ईडी अधिकारियों पर ‘‘नाटक करने’’ और बालाजी को ‘‘शारीरिक तथा मानसिक रूप से परेशान’’ करने का आरोप लगाया।
भाजपा की राज्य इकाई ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के बदले की कार्रवाई के आरोपों को यह कहते हुए खारिज किया कि ईडी का कदम नौकरियों के लिए नकदी घोटाले में चल रही जांच का हिस्सा था, जिसमें कथित रूप से बालाजी शामिल थे।
ईडी ने धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में करूर जिले से ताल्लुक रखने वाले द्रमुक के कद्दावर नेता बालाजी से जुड़े परिसरों पर मंगलवार को छापेमारी की थी।
उच्चतम न्यायालय ने कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में पुलिस और ईडी को बालाजी के खिलाफ जांच की अनुमति दी थी, जिसके कुछ महीने बाद यह कार्रवाई की गई।
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इससे पहले, बालाजी ने बेचैनी होने की शिकायत की थी जिसके बाद बुधवार तड़के उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
राज्य के मंत्री पी. के. शेखर बाबू ने दावा किया कि ऐसे ‘‘संकेत’’ मिले हैं कि बालाजी को ‘‘प्रताड़ित’’ किया गया है।
वहीं, टेलीवीजन चैनल पर दिखाए जा रहे वीडियो में बालाजी को अस्पताल ले जाने के दौरान असहज होते और रोते हुए देखा जा सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बाबू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘बालाजी आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में हैं। वह अचेत अवस्था में थे और जब उनका नाम लेकर पुकारा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वह (चिकित्सकों की) निगरानी में हैं... उनके कान के पास सूजन है। चिकित्सकों का कहना है कि ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) में उतार-चढ़ाव है... ये सभी उन्हें प्रताड़ित किए जाने के संकेत हैं।’’
ओमंदुरार एस्टेट में तमिलनाडु गवर्नमेंट मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के निदेशक की ओर से जारी ‘मेडिकल बुलेटिन’ के अनुसार, बालाजी का 14 जून सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर ‘कोरोनरी एंजियोग्राम’ किया गया।
‘मेडिकल बुलेटिन’ के अनुसार, ‘‘ ‘कोरोनरी एंजियोग्राम’ में उनकी तीन रक्त वाहिकाओं में दिक्कत होने की बात सामने आई जिसके लिए जल्द से जल्द सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट) बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। ’’
इस बीच, द्रमुक नीत सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस (एसपीए) के घटक दलों ने ईडी की कार्रवाई के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर जमकर निशाना साधा और इस मुद्दे पर विरोध जताने के लिए शुक्रवार को कोयम्बटूर में एक विशाल जनसभा करने की घोषणा की।
एसपीए ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर भाजपा नीत राजग को ‘जन-विरोधी’ कहा। उसने कहा कि राजग ने पिछले नौ साल में लोगों के लिए कुछ नहीं किया।
वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने वालों में तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के एस अलागिरी, भाकपा के प्रदेश सचिव आर मुथरासन, माकपा के प्रदेश सचिव के बालाकृष्णन और वीसीके संस्थापक थोल तिरमावलावन थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा कई राज्यों में चुनाव हार रही है और 2024 के चुनाव के लिए वह लोकतांत्रिक ताकतों को कमजोर कर रही है।
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने अपनी पार्टी पर द्रमुक के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के मामले में पांच साल की जांच का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में पुलिस और ईडी को मामले में जांच की अनुमति दी थी और एजेंसी की कार्रवाई उसी दिशा में थी।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर ऐसा है तो स्टालिन और उनके गठबंधन के नेता समझाएं कि राजनीतिक प्रतिशोध कैसे हुआ।’’
इस बीच छापों को लेकर अन्नाद्रमुक नेता पलानीस्वामी ने स्टालिन पर निशाना साधा। अन्नाद्रमुक महासचिव ने याद किया कि जब उनकी पार्टी की सरकार के समय 2016 में सचिवालय में आयकर छापे पड़े थे तो स्टालिन ने इसे अपमानजनक बताया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आज सचिवालय में एक मंत्री के चैंबर में ईडी के छापे पड़ रहे हैं। यह तमिलनाडु के लिए अपमानजनक है।’’
उन्होंने नैतिक आधार पर बालाजी के इस्तीफे की मांग की।
तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति, युवा कल्याण एवं खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन सहित राज्य के कई मंत्री भी बालाजी का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे। इस बीच, केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों को अस्पताल में तैनात किया गया।
बालाजी पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से जुड़े हुए थे। वह तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे।