दिल्ली: दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय पर दो छात्रों को ‘मनमाने तरीके’ से निष्कासित करने का आरोप

डीएन ब्यूरो

दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (एसएयू) के छात्रों के एक संगठन ने रविवार को आरोप लगाया कि संस्थान ने दो छात्रों को 'मनमाने ढंग' से निष्कासित कर दिया और दो अन्य को अस्थायी तौर पर निष्कासित कर दिया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (फाइल फोटो )
दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (फाइल फोटो )


नयी दिल्ली: दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (एसएयू) के छात्रों के एक संगठन ने रविवार को आरोप लगाया कि संस्थान ने दो छात्रों को 'मनमाने ढंग' से निष्कासित कर दिया और दो अन्य को अस्थायी तौर पर निष्कासित कर दिया।

विश्वविद्यालय के छात्रों की ‘जनरल बॉडी’ (आम सभा) ने एक बयान में कहा कि विश्वविद्यालय ने एक छात्र पर जुर्माना भी लगाया गया है।

एसएयू द्वारा यह कथित कार्रवाई छात्रों के एक समूह द्वारा छात्रवृत्ति और वजीफे में वृद्धि की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के कुछ सप्ताह बाद की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, छात्रों के निकाय ने दावा किया कि पिछले महीने पांच छात्रों को कारण बताओ नोटिस मिला था और उनसे एक तदर्थ ‘‘उच्च-स्तरीय’’ समिति द्वारा पूछताछ की गई और 18 फरवरी को छात्रों को ‘प्रॉक्टर’ से उनके निष्कासन और अस्थायी निष्कासन की सूचना देने वाले ईमेल प्राप्त हुए।

बयान में कहा गया कि, ‘‘एसएयू छात्र समुदाय हालिया अनुशासनात्मक कार्रवाइयों पर अपनी चिंता व्यक्त करता है तथा निष्कासन एवं अस्थायी निष्कासन को वापस लेने की मांग करता है।’’

छात्रों के संगठन के अनुसार, प्रशासन ने निष्कासन के दो नोटिस प्रोचेता एम (एमफिल, समाजशास्त्र) और अपूर्वा वाईके (एलएलएम, द्वितीय वर्ष) को जारी किए हैं।

बयान में कहा गया है कि केशव स्वर्ण (एमए, समाजशास्त्र, द्वितीय वर्ष) और रोहित कुमार (पीएचडी छात्र, अर्थशास्त्र) को अस्थायी निष्कासन पत्र मिला है, जबकि बोना चक्रवर्ती (एमए, समाजशास्त्र, प्रथम वर्ष) पर एक जुर्माना लगाया गया है।

छात्रों के निकाय ने कहा कि नई अनुशासनात्मक कार्रवाइयां एमए (समाजशास्त्र) के छात्र अम्मार अहमद के परिवार द्वारा विश्वविद्यालय प्राधिकारियों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करने के लिए आगे बढ़ने के बीच की गई हैं।

छात्र संगठन ने कहा कि अम्मार अहमद ने ‘‘संस्थागत उत्पीड़न’’ के कारण आत्महत्या का प्रयास किया था। संगठन ने कहा कि दावा किया कि अम्मार को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 'मनमाने ढंग से अस्थाई रूप से निष्कासित' भी किया गया था और उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। छात्रों के निकाय ने कहा कि अम्मार को चलने-फिरने एवं बोलने में दिक्कत सहित कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ा।

एक अन्य छात्र ने विश्वविद्यालय की कार्रवाई को 'संस्थागत हिंसा' करार दिया।

एसएयू दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय है जिसे दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के बीच एक समझौते के माध्यम से स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य सभी आठ सदस्य देशों के छात्रों को शिक्षा प्रदान करना है।










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